Last Updated: Wednesday, April 16, 2014, 15:36
नई दिल्ली : चुनावी मौसम में आम तौर नेताओं के काफिले में धूल उड़ाते हुए भागती दिखने वाली बोलेरो, स्कॉर्पियो, इनोवा, फॉर्च्यूनर, सफारी एवं एंडेवर जैसी एसयूवी और यूटिलिटी कारों की बिक्री इस बार के आम चुनाव के में रफ्तार नहीं पकड़ सकी जबकि देश के चुनावी इतिहास का यह सबसे खर्चीला चुनाव माना जा रहा है।
परंपरा के विपरीत इस बार के चुनाव में एसयूवी और यूटिलिटी वाहनों का आकषर्ण कम रहा इससे चुनाव के दौरान इन वाहनों की बिक्री बढ़ने की वाहन उद्योग की उम्मीदें धरी की धरी रह गयीं। अर्थव्यवस्था में नरमी से वाहनों की बिक्री प्रभावित हुई और मतदाताओं तक पहुंचने के लिए एसएमएस और सोशल मीडिया जैसे स्मार्ट साधनों ने भी चुनाव प्रक्रिया में इन वाहनों की बिक्री को प्रभावित किया।
सोसायटी आफ इंडिया ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चर्स (सियाम) के ताजा आंकड़े के मुताबिक मार्च में यूटिलिटी वाहनों :एसयूवी समेत: की बिक्री 4.55 प्रतिशत घटकर 51,414 इकाई रह गई जो पिछले साल के इसी महीने 53,866 इकाई थी। इसी तरह फरवरी में भी यूटिलिटी वाहनों की बिक्री 9.09 प्रतिशत घटकर 43,507 इकाई रही जो 2013 के इसी माह में 47,859 इकाई थी।
सियाम के अध्यक्ष विक्रम किलरेस्कर ने कहा इस बार चुनाव का एसयूवी और यूटिलिटी वाहनों की बिक्री पर सकारात्मक असर नहीं हुआ। पहले इन वाहनों की बिक्री मे कुछ बढ़ोतरी होती थी। उनके मुताबिक इस आज के दौर में मतदाताओं तक पहुंचने के लिए एसएमएस जैसे ज्यादा प्रभावी माध्यम हैं। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, April 16, 2014, 15:36