Last Updated: Monday, November 18, 2013, 08:53
नई दिल्ली : उद्योग मंडल फिक्की ने कहा है कि सरकार को निजी सुरक्षा एजेंसियों को रिटेनरशिप आधार पर (गार्डों को काम के लिए देने लिए) हथियार के लाइसेंस जारी करने के लिए जल्द दिशानिर्देश जारी करना चाहिए।
गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव वीना कुमारी मीना को लिखे एक पत्र में फिक्की ने कहा कि निजी सुरक्षा एजेंसियां महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों जैसे बैंक शाखाएं, एटीएम और पेट्रोल पंप आदि की सुरक्षा में लगी हैं। ऐसे प्रतिष्ठानों को सशस्त्र सुरक्षा गार्डों की जबरदस्त आवश्यकता है। अभी तक निजी एजेंसियां ऐसे लोगों को इन प्रतिष्ठानों के लिए रखती रही हैं जिनके पास निजी क्षमता में हथियार के लाइसेंस हैं।
‘लेकिन, हाल के महीनों में विभिन्न राज्यों के पुलिस विभागों ने स्पष्ट किया है कि सशस्त्र सुरक्षा गाडरें के तौर पर ड्यूटी के लिए निजी हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। ऐसे परिदृश्य में महत्वपूर्ण क्षेत्रों की सुरक्षा के साथ समझौता किया जा रहा है।
उद्योग मंडल ने कहा कि इस मुद्दे से निपटने के लिए गृह मंत्रालय ने मामले की समीक्षा एवं निजी सुरक्षा एजेंसी (नियमन) कानून (पीएसएआर) के तहत लाइसेंस प्राप्त निजी सुरक्षा एजेंसियों को रिटेनरशिप आधार पर हथियार के लाइसेंस जारी करने के संबंध में दिशानिर्देश जारी करने हेतु समिति गठित की थी। फिक्की ने कहा, हम आपसे इस मामले का निपटान करने और निजी सुरक्षा उद्योग की जरूरतों पर ध्यान देने का अनुरोध करते हैं। (एजेंसी)
First Published: Monday, November 18, 2013, 08:53