Last Updated: Friday, January 24, 2014, 14:01
नई दिल्ली : वित्त मंत्रालय ने संगठित क्षेत्र के कामगारों को 1,000 रुपये का न्यूनतम मासिक पेंशन उपलब्ध कराने का एक प्रस्ताव मंजूर कर लिया है। इस कदम से 27 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे। मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि योजना के तहत मूल वेतन सीमा मौजूदा 6,500 रपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये करने का प्रस्ताव भी मंजूर कर लिया है।
वर्तमान में करीब 44 लाख पेंशनभोगी है जिसमें से 27 लाख पेंशनभोगियों को प्रति माह 1,000 रुपये से कम पेंशन मिलती है। इनमें 5 लाख विधवाएं भी शामिल हैं।
एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘ वित्त मंत्रालय ने कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के तहत न्यूनतम 1,000 रुपये का मासिक पेंशन उपलब्ध कराने का प्रस्ताव मंजूर कर लिया है। ईपीएस-95 का संचालन ईपीएफओ द्वारा किया जाता है।’’ उसने कहा, ‘ मंत्रालय ने ईपीएफओ द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत वेतन सीमा बढ़ाकर 15,000 रुपये करने का प्रस्ताव भी मंजूर कर लिया है।’
सरकार 2014.15 की शुरआत से 1,000 रुपये न्यूनतम मासिक पेंशन सुनिश्चित करने के लिए 1,217 करोड़ रपये की अतिरिक्त सब्सिडी उपलब्ध कराएगी। इसलिए, पेंशनभोगियों को इस साल एक अप्रैल से इसका लाभ मिलने की संभावना है। श्रम मंत्री आस्कर फर्नांडिस हालांकि इस बात को लेकर निश्चित नहीं हैं कि इस पहल के लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी की आवश्यकता होगी या नहीं।
इससे पहले, श्रम मंत्रालय ने प्रस्ताव किया था कि सरकार को ईपीएस-95 पर सब्सिडी मूल वेतन के 1.16 प्रतिशत से बढ़ाकर 1.79 प्रतिशत करनी चाहिए ताकि न्यूनतम पेंशन सुनिश्चित हो सके। हालांकि, मंत्रालय के इस प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय का समर्थन नहीं मिला क्योंकि इससे सब्सिडी में स्थायी वृद्धि हो जाएगी। श्रम मंत्रालय ने अपने संशोधित प्रस्ताव में वित्त मंत्रालय को हर साल करीब 1,217 करोड़ रुपये अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराने को कहा है और संकेत दिया है कि आने वाले समय में ईपीएस-95 में योगदान करने वालों की संख्या बढ़ने से यह राशि घटेगी। वेतन सीमा में वृद्धि तभी प्रभावी होगी जब इस निर्णय की अधिसूचना सरकार द्वारा जारी कर दी जाएगी। (एजेंसी)
First Published: Friday, January 24, 2014, 14:01