Last Updated: Sunday, October 6, 2013, 18:41
नई दिल्ली : दुनिया में दूसरे सबसे बड़े गेहूं और चावल उत्पादक देश भारत में ‘गंभीर भुखमरी’ के शिकार लोगों की संख्या वर्ष 2011-13 में 6.5 प्रतिशत घटकर 21.38 करोड़ रह गई है। संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एजेंसी की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। इसमें कहा गया है कि वर्ष 2008-10 के दौरान देश में करीब 22.86 करोड़ लोग कुपोषित थे।
खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ), अंतरराष्ट्रीय कृषि विकास कोष (आईएफएडी) और विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) की एक साझा रपट में कहा गया है, दुनिया भर में प्रगति के बावजूद, विकासशील देशों में भोजन से वंचित लोगों की संख्या काफी अधिक है। इसमें कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर वर्ष 2011-13 में 84.2 करोड़ लोग ‘भयंकर भूख’ की चपेट में थे जिनके पास सक्रिय और स्वस्थ्य जीवन के लिए पर्याप्त भोजन नहीं था। यह संख्या 2008-10 के स्तर से चार प्रतिशत कम हुई है।
इसमें कहा गया है कि दुनिया में कुपोषित लोगों की सबसे ज्यादा संख्या दक्षिणी एशिया में पाई जाती है जिसके बाद उप सहारा अफ्रीका और पूर्वी एशिया आते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि गरीब देशों में भूख व गरीबी का उन्मूलन टिकाउ वृद्धि से हासिल किया जा सकता है। इसके लिए यह भी जरूरी है कि वृद्धि का लाभ सभी तक पहुंचे। (एजेंसी)
First Published: Sunday, October 6, 2013, 18:41