Last Updated: Wednesday, December 11, 2013, 18:38
नई दिल्ली : ऋण वसूली की बढ़ती समस्या को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज आगाह किया कि जानबूझकर किश्त रोकने वालों के लिए भविष्य में ऋण और महंगा हो सकता है। दिल्ली आर्थिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि केंद्रीय बैंक ऐसे ऋण लेने वाले लोगों तथा गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) पर अगले सप्ताह परिचर्चा पत्र लेकर आएगा।
उन्होंने कहा कि जानबूझकर डिफाल्ट करने (समय से धन न लोटने) वाले या नई श्रेणी के ऐसे कर्जदार जिसे हम असहयोग करने वाला डिफाल्टर कहेंगे, के लिए भविष्य में कर्ज और महंगा हो सकता है। सहयोग न करने वाले डिफाल्टरों से आशय ऐसे लोगों से जो ऋणदाता के साथ एक बराबरी वाला या प्रभावी समाधान निकालने के लिए काम नहीं करते हैं।
राजन ने कहा कि इस बात को सुनिश्चित करने की जरूरत है कि प्रणाली वित्तीय दबाव की पहचान कर सके और ऋणदाता तथा निवेशकों के हित में उचित तरीके से ऋण की वसूली की जा सके। उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह हम इस बारे में परिचर्चा पत्र ला रहे हैं। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, December 11, 2013, 18:38