Last Updated: Tuesday, February 11, 2014, 09:10
ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली : वेतन वृद्धि की मांग को लेकर बैंक कर्मचारियों की हड़ताल का आज दूसरा दिन है। सोमवार को शुरू हुए दो दिवसीय हड़ताल से देश भर में बैंकों का कारोबार प्रभावित हुआ। सार्वजनिक क्षेत्र की बैंक शाखाओं में चेक समाशोधन व धन जमा एवं निकासी जैसी सेवाएं प्रभावित हुईं। इसके साथ-साथ कुछ इलाकों में शाम तक एटीएम खाली होने से ग्राहकों का दिक्कतों का समाना करना पड़ा, आज यह परेशानी और बढ़ सकती है।
इस बीच वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने हड़ताली कर्मियों से यह बात समझने की अपील की कि बैंकों के पूरे मुनाफे को तनख्वाह बढ़ाने पर ही नहीं खर्च नहीं किया जा सकता। चिदंबरम ने यहां कहा, मैं बैंकों के कर्मचारियों व अधिकारियों से अपील करता हूं कि वे यह बात समझे कि बैंकों के लाभ पर दूसरों के भी दावे हैं। यद्यपि अधिकारियों व कर्मचारियों की मांग पर समुचित ध्यान दिया जाना आवश्यक है, और वेतन के बारे में न्यायोचित समझौता होना चाहिए पर बैंक के लाभ पर दूसरों की भी दावेदारी बनती है।
सरकारी बैंकों के 5 कर्मचारी यूनियनों तथा 4 अधिकारी यूनियनों के प्रतिनिधि संगठन युनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने कहा कि 27 सरकारी, 12 निजी, आठ विदेशी तथा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के 10 लाख से अधिक कर्मचारी तथा अधिकारी सोमवार से दो दिनों की हड़ताल पर हैं। लेकिन आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक जैसे निजी क्षेत्र के बैंक सामान्य रूप से काम कर रहे हैं क्योंकि इन कर्मचारी हड़ताल में शामिल नहीं हुए।
ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉई एसोसिएशन (एआईबीईए) के महासचिव सी.एच. वेंकटचलम ने कहा, पूरे देश में 7,40,000 करोड़ रुपए के करीब 10 करोड़ चेकों का क्लियरेंस नहीं हो पाया। चेन्नई क्लियरिंग हाउस में करीब 64 हजार करोड़ रुपए मूल्य के करीब 90 लाख चेक को क्लियर नहीं किया जा सका।
यूनियनों के मंच यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (यूएफबीयू) के संचालक एम वी मुरली ने कहा कि कर्मचारी यह रास्ता अपनाने के लिए मजबूर हैं क्योंकि भारतीय बैंक संघ (आईबीए) ने बेहतर वेतन पेशकश नहीं की। आईबीए बैंक प्रबंधन का प्रतिनिधित्व करता है।बैंक कर्मचारियों के राष्ट्रीय संगठन (एनओबीडब्ल्यू) के महासचिव अश्विनी राणा ने कहा कि बैंकों प्रबंधन ने जो पेशकश की वह महंगाई को देखते हुए अनुरूप नहीं है।
यूनियनों और सरकारी बैंकों के संगठन आईबीए के साथ केन्द्रीय श्रमायुक्त के समक्ष 6 फरवरी को समझौता-वार्ता हुई थी, पर कोई समझौता नहीं हो सका। यूएफबीयू ने आईबीए की 10 प्रतिशत वेतन वृद्धि के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। इससे पहले सरकारी बैंकों कर्मचारियों ने 18 दिसंबर को एक दिन की राष्ट्रीय हड़ताल की थी।
First Published: Tuesday, February 11, 2014, 09:04