Last Updated: Sunday, February 16, 2014, 20:14
नई दिल्ली : देश में अधिक खर्च करने वाले 40.72 लाख से अधिक लोग आयकर विभाग की निगरानी के दायरे में हैं जो कि 31 मार्च को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष से पहले संभावित कर चोरी की घटनाओं की जांच की योजना बना रहा है। आंकड़ों के अनुसार विभाग के पास 40,72,829 व्यक्तियों की जानकारी है जिन्होंने मौजूदा वित्त वर्ष में अपने बचत बैंक खातों में दस लाख रुपये या इससे अधिक की नकदी जमा कराई।
आयकर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, विभाग के पास उपलब्ध तकनीकी समाधानों के चलते अधिकारियों के पास काफी सूचनाएं तैयार हैं। हम तो केवल यह संदेश देना चाहता हैं कि कुछ भी गुप्त नहीं है और विभाग को हर, विशेषकर बड़े मूल्य वाले लेन देन की जानकारी हासिल करनी होगी। विभाग के पास जो जानकारी है उनमें दो लाख रपये या अधिक मूल्य की म्युच्युअल फंड इकाइयां खरीदने वाले, पांच लाख रु या अधिक राशि के बांड या डिबेंचर खरीदने वाले, कंपनियों द्वारा जारी एक लाख रुपये या अधिक राशि के शेयरों के धारक, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी पांच लाख रु यो अधिक राशि के बांड के धारक शामिल हैं। ऐसे लोगों की संख्या 40,40,396 है।
कर विभाग के आंकड़ों के अनुसार 15,55,220 लागों ने 30 लाख रुपये या अधिक मूल्य की अचल संपत्ति खरीदी है, 20,61,443 लोगों ने एक साल में केडिट कार्ड से की गई खरीदारी पर दो लाख रपये या अधिक का भुगतान किया। इसी तरह बैंकों से 50,000 रुपये या अधिक राशि ब्याज में पाने वाले तथा पांच लाख रपये या अधिक के आभूषण या सर्राफा खरीदने वाले भी विभाग की जानकारी में है।
सूत्रों ने कहा कि विभाग ने कर नहीं जमा कराने के लिए 12 लाख लोगों, इकाइयों को नोटिस भेजा है। इतनी ही संख्या में और भी नोटिस तैयार हैं। प्रौद्योगिकी का विस्तार होने के साथ वित्तीय खुफिाया इकाई (एफआईयू) के पास कई व्यक्तियों की उंची राशि के लेनदेन से जुड़ी जानकारी मौजूद है। आयकर विभाग इन आंकड़ों के बारे में जानकारी देकर संबंधित व्यक्तियों अथवा उनके लेनदेन को कर दायरे में लाना चाहता है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, February 16, 2014, 20:14