अमेरिकी टैपरिंग का सामना के लिए तैयार रहें : चिदंबरम

अमेरिकी टैपरिंग का सामना के लिए तैयार रहें : चिदंबरम

नई दिल्ली : वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने रिजर्व बैंक और सेबी सहित वित्तीय क्षेत्र के नियामकों से अमेरिकी मौद्रिक नीति में होने वाले संभावित बदलावों के प्रभाव से बचने के उपाय करने को कहा है। अमेरिका का केन्द्रीय बैंक अगले साल की शुरुआत में अपनी उदार मौद्रिक नीति में बदलाव की शुरुआत कर सकता है।

सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्री ने आज वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद (एफएसडीसी) की बैठक में नियामकों से इस बारे में सुरक्षात्मक उपाय करने को कहा है। रिजर्व बैंक गवर्नर, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) और बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) सहित वित्तीय क्षेत्र की विभिन्न नियामक संस्थाओं के प्रमुख परिषद के सदस्य हैं।

बैठक में रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन, सेबी प्रमुख यू.के. सिन्हा के अलावा रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डी. सुब्बाराव विशेष आमंत्रित के रूप में बैठक में पहुंचे थे। वायदा बाजार आयोग को भी वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद का सदस्य बनाया गया है और इसके अध्यक्ष रमेश अभिषेक भी बैठक में उपस्थित थे।

सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्री ने ‘विभिन्न नियामकों से अमेरिका के फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति में संभावित बदलावों के मद्देनजर सुरक्षात्मक उपाय करने को कहा है। समझा जाता है कि अमेरिका का केन्द्रीय बैंक अगले साल शुरू में अपनी उदार मौद्रिक नीति में बदलाव की शुरआत कर सकता है।’ अमेरिका का केन्द्रीय बैंक वर्तमान में हर महीने बाजार से 85 अरब डालर की प्रतिभूतियों की खरीद कर रहा है। जिससे वहां के वित्तीय बाजार में हर महीने इतनी मात्रा में सस्ती नकदी जुड़ रही है। बैंक ने इससे पहले सितंबर में ही अपने इस बॉंड खरीद कार्यक्रम में बदलाव का संकेत दिया था पर लेकिन इसे टाल दिया गया है।

अमेरिका का फेडरल रिजर्व जब भी ऐसा कदम उठायेगा उसका दुनियाभर में असर होगा। इसका भारत सहित दुनिया की उभरती अर्थव्यवस्थाओं पर असर पड़ेगा। चिदंबरम ने इस बात को लेकर भी विश्वास व्यक्त किया कि चालू वित्त वर्ष के दौरान चालू खाते का घाटा (कैड) पूर्व निर्धारित अनुमान 70 अरब डालर यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.7 प्रतिशत के दायरे में ही रहेगा। पिछले वित्त वर्ष में कैड अब तक के रिकार्ड स्तर 88.2 अरब डालर यानी जीडीपी के 4.8 प्रतिशत तक पहुंच गया था। (एजेंसी)

First Published: Thursday, October 24, 2013, 21:39

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