Last Updated: Monday, November 11, 2013, 18:51
नयी दिल्ली : लाइसेंस वाले सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 739 अरब डालर तक बढ़ाया जा सकता है। ग्लोबल इंटेलेक्चुअल प्रापर्टी सेंटर (जीआईपीसी) की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।
कई अध्ययनों का हवाला देते हुए यूएस चैंबर और कामर्स की इकाई जीआईपीसी ने कहा है कि यदि साफ्टवेयर पायरेसी पर अंकुश लगाया जाता है, तो भारत के जीडीपी में उल्लेखनीय इजाफा दर्ज हो सकता है।
जीआईपीसी ने बयान में कहा, अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों ने भारत के जीडीपी का नकारात्मक परिदृश्य पेश किया है, लेकिन अध्ययनों से पता चलता है कि सिर्फ लाइसेंस वाले सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से ही देश के सकल घरेलू उत्पाद में 739 अरब डालर का इजाफा किया जा सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले साल पायरेसी की वजह से अकेले संगीत उद्योग को ही 43.1 करोड़ डालर का नुकसान हुआ। 2011 में सॉफ्टवेयर उद्योग ने 63 प्रतिशत पीसी साफ्टवेयर पायरेसी की रिपोर्ट दी थी। इस तरह गैर लाइसेंस वाले साफ्टवेयर का मूल्य 2.9 अरब डालर से अधिक बैठता है।
जीआईपीसी ने कहा, लाइसेंस वाले सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल में एक प्रतिशत बढ़ोतरी से राष्ट्रीय उत्पादन में लगभग 1.3 अरब डालर का योगदान होगा। वहीं पायरेटेड सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से यह योगदान 55.4 करोड़ डालर ही रह जाएगा। (एजेंसी)
First Published: Monday, November 11, 2013, 18:51