Last Updated: Tuesday, November 12, 2013, 14:37
न्यूयार्क : फेयरफैक्स फाइनेंशियल होल्डिंग्स के भारत में जन्मे चेयरमैन संभवत: ब्लैकबेरी सौदे का सही तरीके से आकलन नहीं कर पाए। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वत्स यह अनुमान नहीं लगा पाए कि किस तरह से सार्वजनिक निगरानी की वजह से संकटग्रस्त स्मार्टफोन कंपनी को नया जीवन देने के उनके प्रयासों में अड़चन आएगी।
‘द न्यूयार्क टाइम्स’ की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह के सौदे में वत्स के निजी रूप से रचि लेने से उनकी प्रतिबद्धता तथा कनाडा के प्रति उनके लगाव का पता चलता है। और साथ ही वह अपने द्वारा उठाए गए सबसे बुरे कदमों से पीछे कदमों से हिचकिचाए।
वत्स के उद्यमों पर नजदीकी निगाह रखने वाले एक व्यक्ति के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि वह खुद को उत्तर का वारेन बफे मानते हैं। इस व्यक्ति के हवाले से कहा गया है कि वत्स आमतौर पर कम शेयरधारकों वाली संकटग्रस्त कंपनी में निवेश करते हैं। लेकिन ब्लैकबेरी एक उल्लेखनीय अपवाद है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, November 12, 2013, 14:32