निवेश धोखाधड़ी रोकने के लिए अब हम बेहतर तरीके से तैयार हैं: पायलट

निवेश धोखाधड़ी रोकने के लिए अब हम बेहतर तरीके से तैयार हैं: पायलट

नई दिल्ली : कारपोरेट कार्य मंत्री सचिन पायलट ने कहा है कि सरकार तथा नियामकीय एजेंसियों ने अवैध निवेश योजना की समस्या के समाधान के साथ यह सुनिश्चित करने के लिये मजबूत व्यवस्था स्थापित की है कि गलत काम करने वाला कोई भी व्यक्ति दंड से बच नहीं पाये। मंत्री ने आगे कहा कि अगला कदम निवेशकों की गाढ़ी मेहनत की कमाई लौटाना सुनिश्चित करना है। साथ ही नियामकीय खामियों को दूर करने के लिये विभिन्न विभागों के बीच सहयोगपूर्ण रणनीति बनायी गयी है जिसका फायदा पहले धोखाधड़ी करने वाले उठाते थे।

पायलट ने कहा, ‘‘मुझे उस समय संतुष्टि होगी जब हम लोगों का वह पैसा लौटाने में सक्षम होंगे जो उन्होंने गंवाये हैं..।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या निवेशकों को पैसा लौटाना अभी भी समस्या बनी हुई है, मंत्री ने कहा, ‘‘मेरा विचार है कि हमें संपत्ति तथा खातों को कुर्क करना चाहिए लेकिन इसमें न्यायिक प्रक्रिया जुड़ी हुई है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कभी-कभी विभिन्न कारणों से न्यायिक प्रक्रिया धीमी होती है। लेकिन इसके बावजूद लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किये जाते हैं, लोग जेल में है और लोगों के खिलाफ अभियोजन चलाया जा रहा है। मुझे लगता है कि अब कोई भी गलत काम करने वाला दंड से बच नहीं सकता।’’ कई ऐसे मामले हुए हैं, जहां लाखों निवेशकों के साथ धोखाधड़ी की गयी। इसमें पश्चिम बंगाल में सारदा घोटाला जैसे मामले शामिल हैं।

सारदा घोटाले की जांच के विषय में पायलट ने कहा कि गंभीर धोखाधड़ी निवेश कार्यालय :एसएफआईओ: की अंतिम रिपोर्ट कुछ दिनों में आने की उम्मीद है। अंतरिम रिपोर्ट सितंबर में मंत्रालय को सौंपी गयी थी। मंत्री ने कहा कि इस साल अप्रैल में सारदा घोटाला मामला सामने आने के बाद जांच एजेंसियां अब अब ज्यादा जागरूक हैं और उन्हें पता है कि उन्हें इस बात को लेकर बहुत सतर्क रहने की जरूरत है कि लोग सामूहिक निवेश योजना के नाम पर अवैध योजनाएं शुरू नहीं कर पाये। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार, राज्य सरकार, रिजर्व बैंक, सेबी या एमसीए हम सभी के पास काम करने को लेकर बेहतर रणनीति है क्योंकि हमें पता है कि कैसे लोगों ने खामियों का दुरूपयोग किया है।’’ (एजेंसी)

First Published: Monday, December 30, 2013, 21:14

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