महंगाई का दबाव और बढ़ा, थोक मुद्रास्फीति 6.46 फीसदी पर। Wholesale inflation rate reaches to 6.46 per cent in September

महंगाई का दबाव और बढ़ा, थोक मुद्रास्फीति 6.46 फीसदी पर

नई दिल्ली : प्याज तथा अन्य फल एवं सब्जियों की कीमतों में तेजी से थोकमूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति सितंबर में और बढ़कर 6.46 प्रतिशत हो गई। इससे रिजर्व बैंक को इस माह के आखिर में अपनी मौद्रिक समीक्षा के समय नीतिगत ब्याज दर में कमी करना मुश्किल हो सकता है। मुद्रास्फीति लगातार पिछले चार माह से बढ़ रही है। अगस्त में मुद्रास्फीति 6.1 प्रतिशत थी।

इस बार सितंबर में प्याज की कीमत एक साल पहले की तुलना में 323 प्रतिशत ऊंची रही। इसी तरह सब्जियां का थोक भाव भी पिछले साल की तुलना में 89.37 ऊंचा रहा। इससे आम लोगों की कठिनाइयां बढ़ गई हैं। सितंबर में फल सालाना आधार पर 13.54 प्रतिशत महंगे रहे।

आज जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार सितंबर में खाद्य मुद्रास्फीति 18.40 प्रतिशत रही। जबकि इससे पिछले महीने खाद्यों की थोक कीमतें सालाना आधार पर 18.18 प्रतिशत बढ़ी थीं। इस साल सितंबर में एलपीजी और पेट्रोल की कीमतें पिछले साल की तुलना में क्रमश: 9 तथा 9.64 प्रतिशत उंची रहीं, लेकिन इस दौरान अंडा, मांस-मछली, पेय पदार्थ तथा तंबाकू जैसे विनिर्मित उत्पादों की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। कुल-मिलाकर विनिर्मित उत्पाद वर्ग का थोक मूल्य सूचकांक आलोच्य माह में 2.03 प्रतिशत उंचा रहा।

रिजर्व बैंक दूसरी तिमाही की नीतिगत समीक्षा 29 अक्तूबर को करने वाला है और वह ब्याज दर के बारे में कोई फैसला करते समय मुद्रास्फीति के इन आंकड़ों को भी ध्यान में जरूर रखेगा। उद्योग जगत कर्ज सस्ता करने की मांग कर रहा है, ताकि आर्थिक गतिविधियों को गति मिले पर मुद्रास्फीति का दबाव रिजर्व बैंक को ब्याज में नरमी करने से रोके हुए है। (एजेंसी)

First Published: Monday, October 14, 2013, 13:15

comments powered by Disqus