सब्जियों के थोक दाम सितंबर में 89% उंचे रहे: एसोचैम

सब्जियों के थोक दाम सितंबर में 89% उंचे रहे: एसोचैम

नई दिल्ली : सब्जियों के थोक मूल्य सितंबर माह में पिछले साल इसी माह के मुकाबले 89.37 प्रतिशत बढ़ गये, लेकिन खुदरा बाजार में इसी अवधि के दौरान उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के स्तर पर यह वृद्धि 34.93 प्रतिशत रही। वाणिज्य एवं उद्योग मंडल एसोचैम के एक अध्ययन में यह बात सामने आई है।

एसाचैम के ताजा अध्ययन के अनुसार खुदरा बाजार में दाम पहले ही इतने उंचे थे कि थोक बाजार में दाम दोगुने होने के बावजूद खुदरा में व्यापारी उतने दाम नहीं बढ़ा पाये। खुदरा बाजार में दाम पहले ही काफी उंचे होने की वजह से व्यापारी ताजा वृद्धि को गा्रहकों पर नहीं डाल पाये।

अध्ययन में कहा गया है, इसका अर्थ यह है कि थोक बाजार में दाम नरम रहने के बावजूद भी खुदरा बाजार में विक्रेता उंचे दाम पर माल बेचते रहे। उसके बाद थोक में जब मूल्यवृद्धि का दबाव और बढ़ता है तो खुदरा विक्रेता के पास दाम और ज्यादा बढ़ाने का विकल्प ज्यादा नहीं होता है। इसमें उदाहरण देते हुये कहा है कि थोक बाजार में पिछले साल टमाटर का भाव 15 रुपये किलो चल रहा था, बाद में थोक बाजार में इसका दाम 27.28 या फिर 30 रुपये तक बढ़ जाता है। लेकिन खुदरा बाजार में टमाटर तभी 30 रपये बिक रहा होता है जब थोक में इसका भाव 15 रुपये चल रहा होता है।

इसका परिणाम यह है कि आजादपुर मंडी जैसी थोक सब्जी मंडी में व्यापारी दाम दोगुने कर रहे हैं लेकिन खुदरा बाजार में यह पहले ही इतने उंचे हैं कि उनके लिये दाम बढ़ाने की अब ज्यादा गुंजाइश नहीं है। अध्ययन के अनुसार इस साल बेहतर मानसून का असर खाद्य वस्तुओं के दाम पर नहीं दिखाई दिया। इससे यह संकेत मिलता है कि समस्या आपूर्ति श्रंखला में ही कहीं है, या फिर ग्रामीण क्षेत्र में बढ़ती श्रम लागत का यह नतीजा है। (एजेंसी)

First Published: Monday, October 28, 2013, 23:54

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