Last Updated: Tuesday, December 24, 2013, 16:25
नई दिल्ली : खेल में विनिमय दर के उतार-चढ़ाव के नये नियमों और वैश्विक बाजार की चुनौतियों का सामना कर रहे भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी-बीपीएम क्षेत्र को वर्ष 2014 में अमेरिका और यूरोपीय बाजार में सुधार की उम्मीद है। यूरो क्षेत्र के देशों के ऋण संकट और अमेरिका में उपभोक्ताओं का भरोसा कमजोर रहेने से पिछले दो साल से भारतीय आईटी क्षेत्र को निर्यात बाजार में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पर 2014 में ज्यादा और बेहतर मुनाफे की उम्मीद लग रहा। अगले साल स्वास्थ्य, खुदरा एवं परिवहन जैसे क्षेत्रों में आईटी उत्पादों और सेवाओं की मांग बढ़ने की उम्मीद है।
हालांकि अमेरिका, कनाडा और आस्ट्रेलिया जैसे कुछ देशों में बदल रहे नियामकीय हालात सूचना प्रौद्योगिकी और बिजनेस प्रोसेसिंग मैनेजमेंट (बीपीएम) कंपनियों के लिए रंग में भंग में डाल सकता है क्योंकि उनके सामने बढ़ते संचालन खर्च की दिक्कत है जिससे उनके मुनाफे पर असर हो सकता है। इसके अलावा अगले साल भारत में आगामी लोक सभा चुनाव के कारण सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी पर होने वाले खर्च के प्रस्तावों के क्रियान्वयन में में देरी हो सकती है। अगले साल यह खर्च बढ़कर 6.4 अरब डालर तक होने का अनुमान है।
भारत की साफ्टवेयर सेवा का निर्यात करने वाली सबसे बड़ी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के मुख्य कार्यकारी एवं प्रबंध निदेशक एन चंद्रशेखरन ने बताया ‘‘2014-15 का साल 2013-14 से बेहतर रहेगा जो 2012-13 से बेहतर था। यह हमारे लिए और उद्योग के लिए भी अच्छा रहेगा।’’ उन्होंने कहा कि ‘शक्तिशाली’ प्रौद्योगिकि इस उद्योग को बदल रही हैं।
चंद्रशेखरन ने कहा कि स्मैक (सोशल मीडिया, मोबाइल, ऐनेलिटिक्स और क्लाउड) बड़े मौके पेश कर रहा है क्योंकि कंपनियां डिजिटल प्रौद्योगिकी और प्लैटफार्म का उपयोग कर वृद्धि तेज करना चाहती है। भारतीय ब्रांड इंक्विटी फाउंडेशन (आईबीईएफ) के मुताबिक भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों को स्मैक से 225 अरब डालर की आय होने उम्मीद है जबकि विश्व भर में इस क्षेत्र से 1,000 अरब डालर की आय होने की उम्मीद है।
स्मैक के तहत सबसे बड़ा मौका क्लाउड प्रौद्योगिकी प्रदान करती है जो 2020 तक करीब 30 प्रतिशत की सालाना वृद्धि की दर से 650-700 अरब डालर पर पहुंच जाएगा जिसके बाद सोशल मीडिया का स्थान है जिसका बाजार 2020 तक 250 अरब डालर का हो जाने की उम्मीद है। फ्रॉस्ट एंड सलिवन के मुख्य परामर्शक निश्चल खुराना ने कहा ‘‘2013 इस क्षेत्र के लिए नवप्रवर्तन और परिवर्तन का वर्ष रहा। नए कारोबारी माडल से ग्राहक आकषिर्त हुए और जुड़े रहे।’’ उन्होंने कहा कि क्लाउड कंप्यूटिंग को तेजी से अपनाने से भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों को कामकाज बढ़ाने में मदद मिल रही है। मोबाइल, ऐनेलिटिक्स और सोशल मीडिया ने आय के नए मौके और कारोबारी रास्ते खुल रहे हें ताकि बाजार में विविधीकरण हो सके। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 24, 2013, 16:25