Last Updated: Saturday, November 23, 2013, 18:50
नई दिल्ली : खाद्य सब्सिडी के मामले में भारत के सामने अंतर्राष्ट्रीय नियमों के उल्लंघन के जोखिम की बात को स्वीकार करते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने कहा है कि सरकार बाली (इंडोनेशिया) में होने वाली डब्ल्यूटीओ मंत्रिस्तरीय बैठक में भारत के किसानों व गरीब लोगों के हितों की रक्षा करने के समाधान निकालने का प्रयास करेगी।
शर्मा ने संसदीय दलों के नेताओं को लिखे एक पत्र में कहा है, ‘‘भारत यह सुनिश्चित करेगा कि हमारे राष्ट्रीय हित की रक्षा हो जिसमें समाज के कमजोर वर्गों में हमारे किसानों के हित भी शामिल हैं।’’
पत्र में कहा गया है, ‘‘हमने पूरी तरह स्पष्ट कर दिया है कि हम (खाद्य सब्सिडी पर) ‘‘मोल संबंधी उपबंध’’ को लेकर किसी तरह की शर्तों को स्वीकार नहीं करेंगे और सभी दलों को बाली सम्मेलन के बाद के कार्यक्रम के लिए प्रभावी तरीके से काम करने को प्रतिबद्ध होना चाहिए।’’
नौवां डब्ल्यूटीओ मंत्रिस्तरीय सम्मेलन 3 से 6 दिसंबर तक बाली में होगा। भारत सहित उभरते देशों का समूह जी.33, डब्ल्यूटीओ के कृषि पर समझौते में संशोधन की मांग कर रहा है ताकि सरकारी खाद्य सुरक्षा कार्यक्रमों को डब्ल्यूटीओ की ओर से बिना किसी जुर्माने के जोखिम के लागू किया जा सके।
डब्ल्यूटीओ के नियमों के मुताबिक, कोई विकासशील देश अपने कुल कृषि उत्पादन का अधिक से अधिक 10 प्रतिशत तक ही खाद्य सब्सिडी उपलब्ध करा सकता है।
‘भारत के दृष्टिकोण से खाद्य सुरक्षा से संबद्ध प्रस्ताव महत्वपूर्ण है जो जी.33 द्वारा पेश किया गया है। भारत इस प्रस्ताव का एक अहम घटक रहा है।’(एजेंसी)
First Published: Saturday, November 23, 2013, 18:50