Last Updated: Thursday, May 22, 2014, 17:41
नई दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार सौर ऊर्जा का दोहन कर सकती है और पवन ऊर्जा के विकास को गति दे सकती है ताकि हर घर को निकट भविष्य में बिजली उपलब्ध करायी जा सके। उद्योग से जुड़े अधिकारियों ने यह बात कही है।
मोदी के लिए स्वच्छ ऊर्जा खासकर सौर और पवन ऊर्जा का विकास ऊर्जा के क्षेत्र में प्राथमिकता वाला क्षेत्र होगा क्योंकि इससे एक तरफ जहां इसमें रोजगार सृजन की क्षमता है वहीं उन घरों को बिजली मुहैया करायी जा सकती है जो इससे वंचित हैं। देश में 40 करोड़ लोगों के पास बिजली नहीं है, यह अमेरिका तथा कनाडा की आबादी से अधिक है।
उद्योग से जुड़े अधिकारियों के अनुसार ऊर्जा सुरक्षा तथा कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने की योजना के तहत राजग सरकार अलग से अपतटीय पवन ऊर्जा नीति ला सकती है और कंपनियों को शुरू में तट से 12 नौटिकल मील (एक नौटिकल मिल लगभग 1.85 किलोमीटर) की दूरी तक विंड फार्म लगाने की अनुमति दे सकती है। साथ ही नई सरकार नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के विकास को गति देने के लिये पूरे अक्षय ऊर्जा क्षेत्र को कर्ज के लिये प्राथमिक क्षेत्र का दर्जा प्रदान कर सकती है।
सुजलान ग्रुप के चेयरमैन तुलसी तांती ने कहा, ‘हमें विश्वास है कि भाजपा की अगुवाई वाली सरकार बुनियादी ढांचा और अक्षय उर्जा क्षेत्र में सुधार के साथ वृद्धि और निवेश के लिये अनुकूल माहौल मुहैया कराएगी। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत का आर्थिक माहौल वैश्विक अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिये उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा।’
जैकसन समूह के प्रबंध निदेशक समीर गुप्ता ने कहा, ‘नीतियों में बदलाव, अनुकूल जमीन अधिग्रहण नीति, वित्त मिलने में आसानी तथा दीर्घकालीन पीपीए (बिजली खरीद समझौता) से अक्षय ऊर्जा क्षेत्र को गति मिलेगी।’
भाजपा के घोषणा पत्र में तेल, गैस, पनबिजली, समुद्री ऊर्जा, पवन, सौर, कोयला तथा परमाणु ऊर्जा के दोहन के लिये व्यापक ऊर्जा नीति लाने की बात कही गयी है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, May 22, 2014, 17:38