WTO बैठक: भारत ने दिया सामूहिक दायित्व पर बल

WTO बैठक : भारत ने दिया सामूहिक दायित्व पर बल

WTO बैठक : भारत ने दिया सामूहिक दायित्व पर बल बाली (इंडोनेशिया) : भारत ने मंगलवार को कहा कि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की बाली बैठक में कोई संतुलित समझौता तभी हो सकेगा जबकि उसमें उसके जैसे तमाम विकासशील देशों की वास्तविक चिंताओं का संतोषजनक सामाधान निकाला गया हो।

सम्मेलन में भारतीय व्यापार वार्ताकार दल का नेत्त्व कर रहे वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि इस सम्मेलन को सार्थक बनाना सभी सदस्य देशों का सामूहिक दायित्व है।

विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की आज यहां शुरू हुई 9वीं मंत्रिस्तरीय बैठक में बाली पैकेज पर सहमति कायम करने के संगठन के प्रमुख सदस्य देशों की गतिविधियों में तेजी आने के बीच शर्मा ने यहां विभिन्न देशों के व्यापार मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकों में भारत के दृष्टिकोण को स्पष्ट किया।

बाली बैठक में दोहा दौर की वार्ताओं का गतिरोध तोड़ने के साथ-साथ बाली पैकज के प्रस्तावों पर सहमति बनाने के लिए आज से चार दिन तक 159 देशों के व्यापार मंत्रियों और अधिकारियों के बीच गहन वार्ताओं का सिलसिला शुरू हो गया है।

शर्मा ने यहां चीन के व्यापार मंत्री गावो हुचेंग, यूरोपीय व्यापार आयुक्त कारेल डी गुख्ट, नेपाल के वित्त वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री शंकर प्रसाद कोइराला, स्विटजरलैड के आर्थिक मामलों के मंत्री जान स्लाइडर एम्मान्न, चाड के व्यापार मंत्री बिरेमी अब्राहिम तथा जिंबाब्वे के व्यापार मंत्री माइक बिमहा से द्विपक्षीय वार्ता की।

सूत्रों के अनुसार शर्मा ने इन बैठकों में खास कर खाद्य सुरक्षा और अनाज की सरकारी खरीद के विषय में प्रस्तावित अंतरिम व्यवस्था को लेकर विकासशील देशों की चिंताओं पर जोर दिया। विकसित देश इस प्रस्ताव के तहत विकासशील देशों को खाद्य सब्सिडी को अपने कुल कृषि उत्पादन के 10 प्रतिशत तक सीमित रखने और डब्ल्यूटीओ निमयों के अनुपालन के लिए 4 साल की मोहलत देना चाहते हैं।

दूसरी तरफ भारत का कहना है कि इस मामले पर कोई अंतिम समाधान निकलने तक अंतरिम व्यवस्था जारी रहनी चाहिये और किसी तरह की पाबंदी नहीं लगनी चाहिये।

सूत्रों के अनुसार शर्मा के साथ बातचीत में चीन के व्यापार मंत्री ने कहा, ‘हम मानते हैं कि आप की बात सही है पर हम एक सकारात्मक समझौते के लिए प्रयास कर रहे हैं जो सबको मंजूर हो।’

सूत्रों के अनुसार शर्मा ने उन्होंने खाद्य सुरक्षा और साधनहीन किसानों की मदद की आवश्यकता के बारे में भारत के दृष्टिकोण को समझाया और कहा कि गरीबों के खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम पर भारत कोई समझौता नहीं कर सकता।

बाली बैठक में सीमाशुल्क प्रकिया को आसान बनाने का भी प्रस्ताव है ताकि व्यापार में आसानी हो और खर्चे कम हों। डब्ल्यूटीओ का अनुमान है कि केवल इसी प्रस्ताव से मौजूदा 18000 अरब डॉलर के विश्व व्यापार में सालाना 1000 अरब डॉलर का इजाफा हो सकता है और रोजगार के अवसर तथा आर्थिक गति सुधर सकती है। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, December 3, 2013, 21:01

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