Last Updated: Friday, December 6, 2013, 23:54
बाली (इंडोनेशिया) : विश्व व्यापार मंच (डब्ल्यूटीओ) की बाली बैठक में भारत के दृढ रवैऐ और विश्वसनीय पहल से आज एक ऐसे पैकेज पर सहमति बनी है जिसके तहत विकासशील देश अपने मौजूदा खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम और अनाज की सरकारी खरीद के कार्यक्रमों को इस मामले में कोई नया समझौता होने तक बिना किसी पाबंदी के डर के जारी रख सकेंगे।
बैठक में भारतीय दल के नेता एवं वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने 1995 में विश्व व्यापार संगठन (डल्यूटीओ) के गठन के बाद इसे पहला व्यापक ऐतिहासिक समझौता बताया और कहा कि यह भारत एवं दुनिया के सभी विकासशील देशों के लिए महान उपलब्धि का दिन है।
सूत्रों ने बताया कि शर्मा पिछले चार दिन से नयी दिल्ली के संपर्क में हैं और उन्होंने बीती रात से जारी गहन वार्ताओं की स्थिति से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अवगत कराया। डब्ल्यूटीओ की यहां 3 सितंबर को शुरू हुई बैठक में चार दिन की रस्साकशी के बाद तैयार संशोधित बाली पैकेज में व्यापार एवं कस्टम प्रक्रिया को सरल बनाने तथा अल्पविकसित देशों को शुल्क मुक्त और कोटा मुक्त निर्यात की छूट देने के पैकेज भी शामिल है।
प्रतिनिधि मंडल नेताओं की बैठक में तय बाली पैकेज को अब पूर्ण अधिवेशन में पारित कराने की औपचारिकता मात्र शेष रह गयी है जो देर रात या कल सुबह तक सम्पन्न हो जाएगी। बैठक का आज आखिरी दिन था पर समझौता होने में विलम्ब के कारण शर्मा सहित तमाम मंत्रियों को अपनी वापसी के कार्यक्रम बदलने पड़ गए हैं।
जिनीवा में तैयार पहले के प्रस्ताव पर भारत को आपत्ति थी और उसने यहां आने के साथ ही स्पष्ट कह दिया था कि भारत खाद्य सुरक्षा और अनाज की सरकारी खरीद पर कोई ऐसा अंतरिम समाधान स्वीकार नहीं करेगा जिसे पक्के समाधान तक जारी रखने का वचन न हो। जिनीवा प्रस्ताव में एक तथाकथित ‘शांति उपबंध’ के तहत भारत को चार साल की मोहलत दी गई थी। इसके बाद खाद्य सब्सिडी का आंकड़ा उत्पादन लागत के 10 प्रतिशत तक सीमित रखने के नियम का उल्लंघन होने पर डल्यूटीओ के नियमों के तहत पाबंदी लग सकती थी।
नए प्रस्ताव के तहत खाद्य सुरक्षा के लिए अनाज के सार्वजनिक भंडार के बारे में एक अंतरिम व्यवस्था लागू होगी और इस दौरान जिनीवा में एक पक्का समझौता तैयार किया जाएगा। इस दौरान काई सदस्य विकासशील देशों के मौजूदा कार्यक्रम के विषय में डब्ल्यूटीओ में कोई शिकायत करने से परहेज करेगा। खाद्य सुरक्षा के लिए सरकारों के अनाज खरीद कार्यक्रम के बारे में नया समझौता 11वीं मंत्रिस्तीय बैठक तक करने का लक्ष्य रखा गया है। डब्ल्यूटीओ वार्ताएं 2008 से अटकी पड़ी थी जिससे इसकी विश्वसनीयता को संकट उत्पन्न हो गया था।
शर्मा ने कहा, `यह भारत के किसानों और विकासशील देशों के किसानों की जीत है। इसमें जनता को सस्ती दर पर खाद्य सुलभ कराने के लिए अनाज का सरकारी स्टाक जमा करने के विकासशील देशों के अधिकार को मान्यता दी गयी है।` इस पैकेज से भारत के सालाना 20 अरब डालर के खाद्य सहायता कार्यक्रम को चुनौती दिए जाने का खतरा नहीं रह जाएगा।
शर्मा ने कहा, `भारत अपनी बात पर अड़ा रहा कि बाली पैकेज के सभी मुद्दों को संतुलित रखना होगा हमने पूरी विश्वसनीयता के साथ इस पर बात की और हमें पूरे अफ्रीका, एशिया और लातीनी अमेरिका के तामा विकासशील और गरीब देशों का समर्थन मिला । इससे हमारी ताकत बढी।` उन्होंने कहा, `हम अमेरिका समेत उन सभी विकसित देशों के रवैऐ की भी प्रशंसा करते हैं कि उन्होंने हमारी बात सुनी और उसको समझा।` (एजेंसी)
First Published: Friday, December 6, 2013, 23:54