अजमेर ब्लास्ट : प्रमोद कृष्णम ने भावेश पटेल को दिया था रिहाई का आश्वासन

अजमेर ब्लास्ट : प्रमोद कृष्णम ने भावेश पटेल को दिया था रिहाई का आश्वासन

ज़ी मीडिया ब्यूरो
अजमेर ब्लास्ट के आरोप में गिरफ्तार किए गए आरोपी भावेश पटेल ने कल्कि धाम के संचालक और जाने माने संत आचार्य प्रमोद कृष्णम पर गंभीर आरोप लगाए हैं। भावेश का कहना है कि प्रमोद कृष्णम, दिग्विजय सिंह और सुशील कुमार शिंदे ने उस पर दबाव डाला कि वो अपने बयान में मोहन भागवत समेत कई आरएसएस नेताओं का नाम, ताकि उन्हें ब्लास्ट मामले में फंसाया जा सके।

भावेश के भाई हितेश पटेल ने ज़ी मीडिया को को वो चिट्ठी भी दी है जिसे कोडवर्ड में खुद प्रमोद कृष्णन ने लिखा था। चिट्ठी में भावेश को आश्वासन दिया गया था कि अगर उसने बात मान ली तो वह नवरात्रि खुशी से मना सकेगा, मतलब रिहा हो सकेगा। भावेश के मुताबिक बात मान लेने पर प्रमोद कृष्णम ने उसे रिहाई का आश्वासन दिया था। इतना ही नहीं प्रमोद कृष्णन के इशारे पर ही उसे जयपुर जेल से अलवर शिफ्ट करवाया गया, लेकिन अदालत में उसकी जीत हुई अब उसे दोबारा जयपुर जेल में शिफ्ट करने का अदालत ने आदेश दे दिया है। भावेश के भाई ने ज़ी मीडिया को वो दस्तावेज भी उपलब्ध कराए हैं जो आरटीआई से निकलवाए गए हैं, जिनसे साबित होता है कि भावेश को अलवर जेल शिफ्ट कराने में प्रमोद कृष्णम का ही हाथ था।

भावेश के वक़ील का दावा है कि आचार्य प्रमोद कृष्णम और जांच एजेंसियों ने मिलकर उनके मुवक्किल पर दबाव बनाने की कोशिश की है..अजमेर ब्लास्ट के आरोपी भावेश ने जो चिट्ठी दी है वो कल्कि धाम के लेटर हेड पर लिखी गई है जिसमें लिखा है-

प्रिय बाबा,
गऊशाला का निर्माण प्रारंभ हो चुका है विश्वस्तरीय गऊशाला का प्रबंधन नवरात्री में आपके हाथों करायेंगे मेरी शुभ कामना है- विश्वास और धीरज रखो

इसमे कोड लैंग्वेज का इस्तेमाल किया गया है। भावेश का दावा है कि उसे ये चिट्ठी प्रमोद कृष्णम ने ही लिखी और इस चिट्ठी में जिस गऊशाला की बात की जा रही है वो दरअसल भावेश की रिहाई है और दावा ये भी है कि प्रमोद कृष्णम ने ये चिट्ठी भावेश के भेजे एक ख़त के जवाब में लिखी है। इस ख़त और भावेश के आरोपों को देखा जाए तो आचार्य कृष्णम पर एक नहीं कई सवाल खड़े हो रहे हैं। अगर भावेश की चिट्ठी को सच माना जाए तो उसके मुताबिक़ 18 अगस्त को आचार्य कृष्णम ने भावेश से बात की। उस वक्त भावेश जेल में था। क्या ये संभव है कि आचार्य जेल में बात कर सकते हैं, क्या जेल में उनका कोई क़रीबी मौजूद है?

इसके साथ ही चिट्ठी के ज़रिए ये भी दावा किया जा रहा है कि आचार्य कृष्णम ने भावेश की आर्थिक मदद भी की थी और भावेश ने ऐसी ही मदद दोबारा पाने के लिए आचार्य को जेल से ख़त भेजा था। क्या ये सच है कि आचार्य कृष्णम ने कभी भावेश की मदद की थी? इस चिट्ठी में भावेश ने ऐसा क्यों लिखा है कि जब सब साथ छोड़ देंगे तब आचार्य ही साथ देंगे? क्या कृष्णम ने भावेश को कोई वादा किया था?

सवाल बहुत हैं लेकिन एक सवाल तो ये भी है कि आखिर देशभर के लाखों संतों को छोड़कर भावेश सिर्फ़ आचार्य प्रमोद कृष्णम पर ही आरोप क्यों लगा रहा है..और वो भी उनके कल्कि धाम के लेटर हेड पर लिखी चिट्ठी के सुबूत के साथ?
आचार्य प्रमोद कृष्णम के साथ ही अजमेर ब्लास्ट आरोपी भावेश पटेल ने गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे और कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह का भी नाम लिया है। कांग्रेस महासचिव ने तो खुलकर कह दिया है कि वो आचार्य कृष्णम से परिचित हैं..लेकिन सवाल ये है कि आखिर आचार्य भावेश पटेल को लेकर सीधा जवाब क्यों नहीं दे रहे..और तमाम बातों को आखिर सियासी रंग क्यों दिया जा रहा है? उधर प्रमोद कृष्णम ने अपने ऊपर लगे सारे आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है।

First Published: Saturday, October 5, 2013, 16:01

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