मोदी को निशाना बनाने की जिम्‍मेदारी दाऊद को सौंपी

मोदी को निशाना बनाने की जिम्‍मेदारी दाऊद को सौंपी

मोदी को निशाना बनाने की जिम्‍मेदारी दाऊद को सौंपीज़ी मीडिया/क्राइम रिपोर्टर

गुजरात में नाकाम रहने के बाद आतंकियों का इरादा मोदी को दूसरे राज्यों में रैली के दौरान निशाना बनाने का है। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक देश की राजधानी दिल्ली समेत चार ऐसे राज्य है जहां मोदी के हर कदम पर है दहशतगर्दों की नजर। कदम कदम पर है मोदी को खतरा।

आईबी के नए इनपुट ने सुरक्षा एजेंसियों को और भी चौकन्ना कर दिया है। खुफिया विभाग को इस बात की पक्की खबर मिली है कि दहशतगर्द हर हाल में नरेंद्र मोदी को अपना निशाना बनाने की फिराक में हैं। नए इनपुट में साफ किया गया है कि दहशतगर्दों का इरादा विधासभा चुनाव खत्म होने के पहले ही उनकी रैलियों को निशाना बनाने का है। बताया जा रहा है कि इंडियन मुजाहिदीन के आला नेता छत्तीसगढ़ और पटना में मिली नाकामी से सबक लेकर नए टेरर प्लान पर काम कर रहे हैं ताकि मौका मिलने पर ये दहशतगर्द अपने निशाने पर सटीक वार कर सकें।

इंटेलिजेंस ब्यूरो के सीक्रेट नोट में साफ किया गया है कि दहशतगर्द नरेंद्र मोदी को दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश या उत्तर प्रदेश में कभी भी अपना निशाना बनाने की कोशिश कर सकते हैं। इस नोट में सिमी के जेल से फरार हुए आतंकियों का भी जिक्र करते हुए कहा गया है कि इंडियन मुजाहिदीन और उसके सहयोगी इन दहशतगर्दों की मदद से सियासी रैलियों में मोदी को निशाना बनाने की कोशिश कर सकते हैं। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए दहशतगर्द अपने आत्मघाती दस्ते का भी सहारा ले सकते हैं। आईबी के इनपुट में विस्फोटकों से भरी गाड़ी से रैली वाली जगह पर जाकर धमाका करने की कोशिश करने की बात भी कही गई है।

साफ है कि दहशतगर्दों ने देश की अहम सियासी हस्ती को निशाना बनाने की तैयार कर ली है साजिश। ऐसे में अगर सुरक्षा एजेंसियों से थोड़ी भी चूक हुई तो किसी भी तरह की अनहोनी हो सकती है। खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट काफी चौंकाने वाली है। पता चला है कि आईएसआई अपनी पनाह में छिपे दाऊद इब्राहिम को नरेंद्र मोदी को खत्म करने की जिम्मेदारी सौंपी है। दाऊद के गुर्गे महाराष्ट्र और गुजरात में अपने मजबूत नेटवर्क की मदद से कर सकते हैं मोदी को निशाना बनाने की कोशिश।

नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए आईएसआई ने अपने पुराने मोहरे और अंडरवर्ल्ड़ डॉन दाऊद इब्राहिम को सौंपी है अहम जिम्मेदारी। इंटेलिजेंस एजेंसी के सीक्रेट नोट में कहा गया है कि आईएसआई ने दाऊद को इस काम के लिए महाराष्ट्र और गुजरात के अपने नेटवर्क का इस्तेमाल करने की सलाह दी है। माना जा रहा है कि इन दोनों राज्यों में एक्टिव दाऊद के गुर्गे मोदी की एक-एक गतिविधियों की खबर इकट्ठी करके आईएसआई तक पहुंचाएंगे। इसके साथ ही मोदी की वहां होने वाली जनसभाओं में किये जा रहे सुरक्षा इंतजामों की भी खबर देंगे। बताया जा रहा है कि आईएसआई से मिली नई जिम्मेदारी के बाद दाऊद ने अपने पूरे नेटवर्क को एक्टिव कर दिया है।

खुफिया इनपुट के मुताबिक आईएसआई ने मोदी को निशाने पर लेने के लिए इंडियन मुजाहिदीन के साथ ही लश्कर ए तय्यबा और जैश ए मोहम्मद को भी इस काम पर लगाया है.इस काम के लिए पाक अधिकृत कश्मीर में बाकायदा आत्मघाती दस्तों को भी ट्रेंड किया जा रहा है। यहां सुसाइड बॉम्बर्स को ट्रेंड करने के लिए शाहीन के नाम से ट्रेनिंग कैंप चलाये जा रहे हैं। साफ है कि मोदी के पग पग पर टिकी है दहशतगर्दों की नजर। ऐसे में सुरक्षा इंतजामों में होने वाली मामूली लापरवाही भी किसी बड़े हादसे की वजह बन सकती है।

मोदी आतंकियों के रडार पर हैं वकास और दाऊद से जुड़ी खबर मिलने के बाद तो पुलिस और प्रशासन आतंकियों के अगले टेरर प्लान को लेकर और भी ज्यादा सतर्क हो गया है। आगरा रैली में मोदी को दहशतगर्दों से महफूज रखने के लिए किए गए हैं सुरक्षा के जबरदस्त इंतजाम। इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी वकास अहमद उर्फ शौकत के अगले टेरर प्लान की पूरी जानकारी अभी खुफिया एजेंसियों के पास भी नहीं है, इसीलिए आगरा में रैली के दौरान पुलिस, प्रशासन और रक्षा एजेंसियां फूंक-फूंक कर कदम रख रही हैं। रैली की जगह पर नजर रखने के लिए इंटेलिजेंस, एलआईयू और स्पेशल ब्रांच इंटेलिजेंस की ज्वाइंट टीम बनाई गई है।

रैली के दौरान मोदी के सुरक्षा दस्ते के साथ ही गुजरात एटीएस के 40 कमांडो और यूपी एटीएस के 50 कमांडो सुरक्षा घेरा तैयार करेंगे। स्थानीय पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों के अलावा गुजरात पुलिस के आला अफसर भी दस्ते के साथ रहेंगे। सुरक्षा के लिहाज से कोठी मीना बाजार मैदान में होने वाली रैली स्थल के आसपास बने मकानों की भी जांच कराई गई है। किसी परिवार में कोई रिश्तेदार आया है तो उसकी भी जांच कराई जा रही है। मल्टीस्टोरी बिल्डिंगों पर पुलिस और पीएसी की तैनाती की गई है। इंटेलीजेंस एजेंसियों के मुताबिक मोदी इंडियन मुजाहिदीन और सिमी के अलावा लश्कर-ए-तोएबा के भी निशाने पर हैं। इसी के मद्देनजर रैली में आने हर शख्स को मेटल डिटेक्टर से गुजरना होगा। रैली से करीब 12 घंटे पहले बम डिस्पोजल स्क्वॉड, डॉग स्क्वॉड समेत अन्य सुरक्षा एजेंसियां रैली स्थल को अपने कब्जे में ले लेंगी। ताकि इंडियन मुजाहिदीन की किसी भी तरह की साजिश को नाकाम किया जा सके।

सिक्योरिटी एजेंसियों के तमाम सुरक्षा इंतजाम के बावजूद आतंकवादी कोई ना कोई ऐसा हथियार जरूर ढूंढ लेते हैं जिसके सामने सारे इंतजाम धरे के धरे रह जाते हैं.आतंकियों का ताजा हथियार है केमिकल वेपन, जिन्हें ना तो मेटल डिटेक्टर खोज सकता है और ना ही एक्स रे मशीन। एक छोटी सी पानी की बोतल बड़े बम में तब्दील हो सकती है और ये होता है तब जब उसमें ख़ास तरह के रसायनों को मिला दिया जाए। सुरक्षा एजेंसियों को इस बात की पक्की जानकारी मिल चुकी है कि आतंकी अब पारंपरिक बारूद के बमों की बजाए एसिड या कहें कैमिकल वैपन्स का इस्तेमाल करने की तैयारी में हैं और उनका पहला निशाना हो सकता है देश की आर्थिक राजधानी मुंबई।

मुंबई में एसिड बम का अलर्ट जारी हो चुका है लेकिन सवाल ये है कि आखिर ऐसे एसिड बम कितने ख़तरनाक साबित हो सकते हैं.आपको बता दें कि ऐसे एसिड बमों से खास तरह के रसायनों का इस्तेमाल कर आतंकी बम धमाके कर सकते हैं जिनमें सीधे तौर पर आसपास खड़े लोग घायल हो सकते हैं। उनकी जान भी जा सकती है लेकिन ये ख़तरा सिर्फ़ बम धमाके तक ही सीमित नहीं है। सूत्रों के मुताबिक़ पाकिस्तान में बैठे आतंक के आका लंबे समय से ब्लैक मार्केट से कैमिकल वैपन्स इकट्ठा कर रहे हैं और अब रिपोर्ट्स ये भी आ रही हैं कि आतंकियों को इन कैमिकल वैपन्स की ट्रेनिंग भी दी जा चुकी है।

कैमिकल एक्सपर्ट्स के मुताबिक़ कैमिकल रिएक्शन वाले बमों में पहले बड़ा धमाका तो होता ही है उसके बाद उस रिएक्शन से निकली ज़हरीली गैस आबोहवा में घुलकर लोगों में बड़ी बीमारियां फैला सकती है और अगर ऐसे धमाकों में सरिन जैसी गैस निकल जाए तो उससे बड़ी संख्या में लोग मारे भी जा सकते हैं। लेकिन गनीमत है कि सुरक्षा एजेंसियों को आतंकियों के इस ख़तरनाक प्लान की पहले से ही जानकारी लग गई। आतंकी ख़तरे को देखते हुए चारों ओर अलर्ट कर दिया गया है लेकिन सवाल ये भी है कि आखिर किसी कैमिकल को कोल्‍ड ड्रिंक की बोतल में डालकर घूम रहे आतंकी की पहचान कैसे की जाएगी?

First Published: Wednesday, November 20, 2013, 23:23

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