दंगों की आड़ में पति का किया कत्‍ल । Husband murdered in the veil of riots

दंगों की आड़ में पति का किया कत्‍ल

दंगों की आड़ में पति का किया कत्‍लक्राइम रिपोर्टर/ज़ी मीडिया

यूपी में दंगों की आग भड़की तो चारों ओर लहू बहने लगा। कई लोगों की जानें गई, कुछ गंभीर रूप से घायल हो गए। हर महिला यही दुआ कर रही थी कि बाहर काम पर गए उसके अपने सही-सलामत वापस लौटें लेकिन इन्हीं दंगों की आग में एक महिला अपने ही घर को जलाने की साज़िश रच रही थी। साजिश थी अपने पति को मारने की जो उसे जान से भी ज़्यादा चाहता था। जिसके साथ उसने सात जन्म साथ निभाने की कसमें खाई थीं लेकिन दंगों की आग में वो महिला अपने ही पति को मारने की साज़िश बना रही थी और इस साज़िश में उसका साथ दे रहा था पड़ोस में ही रहने वाला एक और युवक।

दोनों ने साज़िश को अंजाम भी दिया और फिर दंगों के नाम पर मांग लिया मौत का मुआवज़ा। शौहर विकलांग था, खूबसूरत बीवी की ख्वाहिशें वक्त से पहले ही दम तोड़ रही थीं। बीवी को किसी और का साथ चाहिए था, उसे एक प्रेमी मिल भी गया। अब पति से पीछा छुड़ाकर प्रेमी का हाथ थामना था, इसके लिए उसने प्रेमी के साथ मिलकर बनाया एक खतरनाक प्लान। वो प्लान था दंगों की आड़ में पति की हत्या।

शादीशुदा होने के बावजूद मेरठ के थाना कंकरखेड़ा इलाके में रहने वाली खुर्शीदा की सन्नवर नाम के शख्स से नजदीकियां बढ़ रही थीं। जबसे खुर्शीदा की जिंदगी में सन्नवर आया तब से वो काफी खुश थी। जब भी सन्नवर साथ होता था उन पलों में तो खुर्शीदा अपने आपको भी भूल जाती थी। दोनों बस एक दूसरे में ही खो जाते थे। महज कुछ ही दिनों में खुर्शीदा और सन्नवर इतने करीब आ चुके थे कि उन्हें एक दूसरे से पल भर के लिए भी जुदा होना गवारा नहीं था।

इसी बीच एक अनहोनी हुई। खुर्शीदा के शौहर इश्तियाक की हत्या हो गई। उसकी लाश गांव के खेत में मिली। गांववालों के साथ-साथ पुलिस भी मान रही थी कि इश्तियाक की मौत सांप्रदायिक दंगे में हुई है। गांववालों के गुस्से को देखते हुए पुलिस ने भरोसा दिलाया कि वो इश्तियाक की मौत का मुआवजा दिलाने की सिफारिश करेगी। हत्या के महज 24 घंटे बाद ही पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को धर दबोचा। इन तीनों ने जब इश्तियाक के कत्ल की वजह बताई तो पुलिस भी दंग रह गई। पुलिस के मुताबिक इश्तियाक की हत्या दंगों में नहीं हुई थी, उसकी हत्या की साजिश रची थी। खुद उसकी बीवी खुर्शीदा और उसके आशिक सन्नवर ने।

पुलिस के मुताबिक सन्नवर के जिंदगी में आने के बाद खुर्शीदा को अपना विकलांग शौहर इश्तियाक रास्ते का रोड़ा लगने लगा था। इसीलिए प्रेमी के साथ मिलकर उसने पति को रास्ते से हटाने का फैसला कर लिया। एक दिन जैसे ही इश्तियाक घर से निकला तो खुर्शीदा ने फोन करके इसकी खबर सन्नवर को दे दी। सन्नवर अपने दो साथियों दीनू और अरशद के साथ रास्ते में ही उसका इंतजार कर रहा था, जैसे ही वो घर से थोड़ी दूर पहुंचा। तीनों ने मिलकर उसे दबोच लिया। सन्नवर ने चाकू घोंप कर इश्तियाक की हत्या कर दी और और लाश खेत में फेंककर वहां से भाग निकला। खुर्शीदा और सन्नवर ने सोचा था कि उनकी साजिश सांप्रदायिक दंगों के शोर में दब जाएगी और ये दोनों मुआवजे की रकम पर ऐश करेंगे, लेकिन अब इनकी सारी उम्र सलाखों के पीछे गुजरेगी।


दोस्ती, दगाबाजी और साजिश

मेरठ के जमाल की कहानी भी इश्तियाक से अलग नहीं है, जमाल की मुश्किलें तब शुरू हुईं जब उसकी बीवी का दिल किसी गैर पर आ गया। उस गैर इंसान की चाहत ने जमाल की बीवी को इस कदर अंधा बना दिया कि वो उसने प्रेमी के साथ मिलकर खतरनाक साजिश रच डाली और पति को हमेशा के लिए रास्ते से हटा दिया।

मेरठ के रहने वाले जमाल की जिंदगी में खूबसूरत शबा बहार बनकर आई थी। शबा का साथ पाकर जमाल बेहद खुश था, उसे लगता था जैसे सारे जहां की खुशियां उसके कदमों में आ गई हैं वो टैक्सी ड्राइवर की नौकरी करके मेहनत से पैसे कमा रहा था और उन पैसों से अपने सपनों का आशियाना सजाने की कोशिश कर रहा था। शबा के प्यार में पागल जमाल खूब पैसे कमाना चाहता था और उन पैसों से अपनी बीवी के लिए ढेर सारी खुशियां खरीदना चाहता था। लेकिन कड़ी मेहनत के बाद भी उसके हाथ जो पैसे आते थे वो ऐश-ओ-आराम की जिंदगी जीने के लिए नाकाफी थे, लिहाजा जमाल उस रास्ते की तलाश में जुट गया जिस रास्ते से उसे घऱ में कुछ और पैसे आ सकें।

जमाल की बीवी शबा खूबसूरत तो थी ही, अच्छी खासी पढ़ी लिखी भी थी। लिहाजा उसने फैसला कर लिया कि वो शबा को नौकरी करने के लिए भेजेगा, वो शबा के लिए नौकरी तलाश ही रहा था कि एक दिन उसकी मुलाकात शहर में ही रहने वाले अशोक खुराना से हो गई। खुराना से मिलने के बाद तो जमाल को लगा कि उसकी मुंह मांगी मुराद पूरी हो गई है। दरअसल शहर के बाजार में खुराना की घड़ियों की एक दुकान थी। उसे दुकान में काम करने के लिए किसी की जरूरत थी। जमाल ने जब उसे अपनी बीवी को नौकरी पर रखने की बात की तो खुराना तुरंत तैयार हो गया। जमाल ने अगले ही दिन से सबा को खुराना की दुकान पर नौकरी के लिए भेजना शुरू कर दिया।

जमाल ने खुशी-खुशी अपनी बीवी को खुराना की दुकान पर नौकरी के लिए भेज दिया लेकिन उसे इस बात का अहसास नहीं था कि चंद पैसों के चक्कर में वो अपने ही हाथों से अपनी दुनिया बर्बाद कर रहा है।

शबा ने अब रोज खुराना की दुकान पर जाना शुरू कर दिया, उसका पति भी ये सोचकर खुश था कि उसकी बीवी भी चंद पैसे कमा रही है लेकिन वो इस बात से अनजान था कि शुरू से ही खुराना की नजर खूबसूरत शबा पर है। शबा की दुकान पर मौजूदगी ने उसका काम आसान कर दिया। मौका देखकर खुराना ने शबा पर अपना जाल फेंकना शुरू किया। पहले तो उसने उसे अपनी बातों के जाल में फंसाया और फिर धीरे-धीरे उससे नजदीकी बढ़ानी शुरू कर दी। खुराना की दौलत की चमक ने शबा की आंखों पर भी पर्दा डाल दिया और एक दिन उसने खुद को खुराना के हवाले कर दिया।

सबा देर से घर लौटने लगी, जमाल भी थककर आता और खाना खाकर सो जाता। अब सबा को भी लगने कि जमाल ड्राइवर की नौकरी करने वाला जमाल उसे वो खुशियां नहीं दे सकता जो पैसे वाला खुराना उस पर लुटाने को तैयार है लेकिन शबा और खुराना की ये नजदीकियां ज्यादा दिन तक छिप नहीं सकीं। एक दिन खुराना की दुकान में ही जमाल ने अपनी बीवी के साथ आपत्तिजनक हालत में देख लिया। जमाल सबा को समझाया लेकिन वो नहीं मानी। खुराना की मोहब्बत उसके सिर चढ़कर बोल रही थी। नाराज होकर जमाल ने सबा पर पाबंदी लगा दी लेकिन फ़ोन पर खुराना और सबा के बीच बातचीत जारी रही और एक दिन दोनों ने मिलकर जमाल को हमेशा के लिए रास्ते से हटा दिया।

पुलिस के मुताबिक पैसे देने के बहाने एक दिन खुराना ने जमाल को अपने पास बुलाया और फिर गाड़ी में सुनसान जगह पर ले गया। सिवालख़ास इलाके खुराना ने अपने तीन साथियों की मदद से उसकी चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी और पहचान छुपाने के लिए उसके चेहरे को तेज़ाब से जला डाला और घर लौटने के बजाए शहर छोड़कर फ़रार हो गया। लेकिन उसकी इसी गलती ने उसे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। खुराना, उसकी प्रेमिका शबा और उसका एक साथी इस वक्त मेरठ पुलिस की गिरफ्त में हैं। अब पुलिस ने इनके तीसरे साथी की तलाश कर रही है।

First Published: Friday, October 11, 2013, 15:47

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