कहां छिपे हैं दहशतगर्द?

कहां छिपे हैं दहशतगर्द?

कहां छिपे हैं दहशतगर्द?ज़ी मीडिया/क्राइम रिपोर्टर

पटना और गया को दहलाने वाले आतंकवादी अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए दहशतगर्दों ने बना लिया है नया ठिकाना और जुट गए हैं आतंक की नई कार्रवाई को अंजाम देने में। पहले गया में धमाका, फिर पटना में ब्लास्ट, अब निशाने पर नया ठिकाना। पटना और गया को दहलाने के बाद इंडियन मुजाहिदीन के बिहार और झारखंड मॉड्यूल से जुड़े दहशतगर्द अब अपने निशाने की ओर बढ़ गए हैं।

पटना धमाके की जांच के सिलसिले में जांच एजेंसिय़ों के हाथ जो जानकारी लगी है, उससे साफ हो गया है कि इन दोनों ही धमाकों के बाद से फरार ये आतंकी गिरफ्तारी से बचने की कोशिश में तो हैं ही, लगातार अपना ठिकाना भी बदल रहे हैं और इसके साथ ही अपनी अगली कार्रवाई को भी अंजाम देने की कोशिश में लगे हुए हैं।

ये पांचों दहशतगर्द जांच एजेंसी एनआईए के राडार पर हैं। जांच एजेंसियां लगातार इन आतंकियों और इनके मददगारों की तलाश में है। इनकी तलाश में एक के बाद एक छापे मारे जा रहे हैं। हालांकि जांच एजेंसियां अभी तक पटना और गया के इन गुनहगारों को तो नहीं पकड़ सकी हैं, लेकिन उसके हाथ लगी है इनकी साजिश से जुड़ी अहम जानकारी। इन जानकारियों से देश की खुफिया और जांच एजेंसियों के साथ ही सुरक्षा एजेंसियों में भी मच गई है खलबली। इनसे ये भी साफ हो गया है कि पटना और गया के गुनहगारों की गिरफ्तारी में जितनी देर होगी देश पर आतंकी खतरा और भी बढ़ता जाएगा क्योंकि अपनी नई साज़िश को अंजाम देने की फिराक में (जुट गए हैं) आईएम के आतंकी। इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादियों ने बनाया है शातिर टेरर प्लान।

बिहार के साथ ही पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ खास जगहों को भी अपना निशाना बनाने की फिराक में हैं ये दहशतगर्द। हैरानी की बात तो ये है कि ये पूरा टेरर प्लान काफी पहले ही तैयार हो चुका था और अब उसी साज़िश को एक के बाद एक करके अंजाम दिया जा रहा है। तहसीन अख्तर उर्फ मोनू हैदर अली उर्फ अब्दुल्ला मुजिबुल्ला उर्फ मुजिबुल रहमान नोमान अंसारी और तौफीक अंसारी इंडियन मुजाहिदीन के ये वो पांच चेहरे हैं जिनकी तलाश में एनआईए दिनरात एक किये हुए है। गया के महाबोधि मंदिर में हुए धमाके और पटना में हुए सीरियल धमाके के सिलसिले में इन पांचों की इस जांच एजेंसी को तलाश है लेकिन ये पांचों दहशतगर्द इतने शातिर हैं कि जांच एजेंसियों के हाथ पहुंचने के पहले ही अपने ठिकाने से फरार होने में कामयाब हो जाते हैं और इस काम में उन्हें मिल रहा है इंडियन मुजाहिदीन के स्लीपर सेल्स का साथ। खुफिया एजेंसियों से मिल रही जानकारी के मुताबिक इन आतंकवादियों ने गया और पटना में धमाका करने के पहले से ही इस बात की तैयारी कर रखी थी कि आतंकी घटना को अंजाम देने के बाद उन्हें आगे क्या करना है और पुलिस से बचने के लिए किस जगह को अपना ठिकाना बनाना है।

एक मुखबिर की सूचना के आधार पर छत्तीसगढ़ में रायपुर के राजा तालाब इलाके में जब छापा मारा तो वहां से प्रतिबंधित संगठन सिमी के तीन कार्यकर्ता तो पकड़ में आ गए लेकिन तब तक यहां छिपे पटना और गया के गुनहगार फ्ररार हो चुके थे। सिमी के इन तीनों कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी के बाद कबूल भी किया कि पटना धमाके के बाद उनके पास हैदर अली उर्फ अब्दुल्ला, तौफीक अंसारी और मुजिबुल्ला के साथ ही आसिफ उर्फ अमानुल अंसारी आकर रुके थे। इन लोगों ने पुलिस को ये भी बताया कि आतंकी वारदात के बाद राजा तालाब इलाके में इंडियन मुजाहिदीन के आतंकियों के छिपने की बात पहले से ही तय थी।

पुलिस ने हालांकि पकड़े गए लोगों से हुई पूछताछ के बारे में ज्यादा खुलासा तो नहीं किया लेकिन इस बात के संकेत जरूर दिए कि यहां किसी न किसी आतंकी वारदात की साजिश को अंजाम देने की कोशिश जरूर की जा रही थी। खुफिया एजेंसियों के सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक पुलिस की दबिश पड़ने के पहले ही पटना और गया के ये गुनहगार यहां से फरार होकर उत्तर प्रदेश में अपने एक और सुरक्षित ठिकाने तक पहुंच चुके थे। जो खबरें आ रही हैं उसके मुताबिक ये दहशतगर्द छत्तीसगढ़ से भागकर आजमगढ़ के अपने एक खुफिया ठिकाने तक पहुंच चुके हैं। बताया जा रहा है कि खुफिया एजेंसियों से जानकारी मिलने के बाद जांच एजेंसियों ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में एक्टिव इंडियन मुजाहिदीन के स्लीपर सेल्स पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश से सटी नेपाल की सीमा पर भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। आतंकी घटनाओं के सिलसिले में आजमगढ़ का नाम पहले भी सुर्खियां बटोरता रहा है। माना जा रहा है कि पटना के गुनहगारों का इरादा सुरक्षित ठिकाने पर पहुंचकर अपनी अगली साजिश को अंजाम देने का है। इसके साथ ही सुरक्षाबलों की सख्ती बढ़ने पर ये लोग सीमा पारकर नेपाल भी भाग सकते हैं।

आतंकी घटनाओं की वजह से पहले भी सुर्खियों में आ चुका आजमगढ़ इस बार इंडियन मुजाहिदीन के फरार आतंकियों का शरण स्थल बनने की वजह से चर्चाओं में है। माना जा रहा है कि पटना धमाके की साजिश तैयार करने में मुख्य भूमिका निभाने वाले तहसीन अख्तर उर्फ मोनू ने आजमगढ़ के राजेसुल्तानपुर के एक पिछड़े मोहल्ले में बनाया है अपना ठिकाना.खुफिया एजेंसियों को इस बात का भी पता चला है कि पटना धमाके के बाद से ही फरार झारखंड़ मौड्यूल से जुड़े चार आतंकी भी फिलहाल यहीं छिपे हुए हैं।

जानकारों का कहना है कि राजेसुल्तानपुर में इंडियन मुजाहिदीन का स्लीपर सेल लंबे समय से एक्टिव है और खुफिया एजेंसियों की मानें तो आतंकवादियों के पास विदेश से आने वाला पैसा भी राजेसुल्तानपुर तक हवाला रैकेट के जरिये पहुंचता है.माना जाता है कि मजहबी भावनाओं में बहकर भी कई लोग इंडियन मुजाहिदीन के मदद करने में लगे हुए हैं।

खुफिया विभाग के पहले के अलर्ट के मुताबिक बनारस का संकटमोचन हनुमान मंदिर पहले से ही इंडियन मुजाहिदीन के निशाने पर है। जानकारों का कहना है कि आईएम के एक्टिव आतंकवादी आईएसआई के इशारे पर पूर्वी उत्तर प्रदेश में बनारस के साथ ही इलाहाबाद और विंध्याचल को भी अपना निशाना बनाने की फिराक में हैं। सूत्रों के मूताबिक इन आतंकियों को इंडियन मुजाहिदीन के आजमगढ़ मौड्यूल के साथ ही नेपाल में एक्टिल आईएसआई के बेस से भी पूरी मदद मिल रही है ताकि ये लोग बिहार के बाद अब पूर्वी उत्तर प्रदेश में दहशत का माहौल बना सकें। आतंकवादियों की इसी सक्रियता की वजह से रक्षा विशेषज्ञ नेपाल बॉर्डर को सील किये जाने की बात भी कह रहे हैं।

खुफिया एजेंसियों के इस खुलासे से साफ हो गया है कि बिहार के बाद अब पूर्वी उत्तरप्रदेश के कई अहम शहर आतंकवादियों के निशाने पर हैं और अगर सुरक्षा एजेंसियों ने जल्दी ही पटना और गया में धमाका कराने के बाद फरार हुए आतंकवादियों पर शिकंजा नहीं कसा तो देश को दहल उठने से बचा पाना मुश्किल हो जाएगा।

ये साफ हो चुका है कि इंडियन मुजाहिदीन अब सिमी के अड्डों का इस्तेमाल अपने स्लीपर सेल के रूप में कर रहा है। खुफिया एजेंसियों को ये भी पता चला है कि आईएम के दहशतगर्द अब सिमी की मदद से छत्तीसगढ़ और पूर्वी उत्तर प्रदेश मे के कई अहम जगहों को अपना निशाना बनाने की फिराक में हैं। रायपुर के राजातालाब इलाके से सिमी के आतंकवादियों की गिरफ्तारी ने जांच एजेंसियों की पेशानी पर बल डाल दिए हैं। इस गिरफ्तारी से साफ हो गया है कि इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी अब सिमी के ठिकानों का खुलकर इस्तेमाल कर रहे हैं जहां जहां इंडियन मुजाहिदीन अपने स्लीपर सेल तैयार नहीं कर सका है वहां पर आतंकी वारदातों को अंजाम देने के लिए सिमी के पुराने कैडर का इस्तेमाल किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक राजातालाब में पकड़े गये सिमी से जुड़े ये आतंकी पहले भी इंड़ियन मुजाहिदीन की मदद करते रहे हैं। इसीलिए पटना धमाके के बाद हैदर अली उर्फ अब्दुल्ला ने अपने तीन साथियों के साथ राजातालाब इलाके में ही आकर अपने छिपने का ठिकाना बनाया।

जानकारों के मुताबिक राजू गैराज उर्फ अयात रोशन और हबीबुल्ला ने पटना धमाके के आरोपी हैदर अली, तौफीक अंसारी, मुजिबुल्ला और आसिफ उर्फ अमानुल अंसारी के लिए रायपुर के संजय नगर में एक किराये के मकान का इंतजाम किया था। बताया जा रहा है कि यहां पर इन चारों आतंकियों ने अपना हुलिया बदल लिया था। दाढ़ी साफ कर क्लीनशेव्ड हो गए थे। ऐसा इसलिए किया गया था ताकि इनपर कोई किसी तरह का शक न कर सके। इन लोगों का इरादा यहीं रुककर सिमी के पूराने कार्यकर्ताओं की मदद से आतंक की अगली साजिश को अंजाम देने का था।

जानकारों के मुताबिक एनआईए ने पटना धमाके की जांच के सिलसिले में जब मुजीबुल्ला के घर पर छापा मारा तो ये खबर इंडियन मुजाहिदीन के झारखंड मॉड्यूल के जरिये मुजीबुल्ला और उसके साथियों को मिल गई थी.एनआईए को इसी छापे के बाद मुजीबुल्ला के रायपुर में छिपे होने की जानकारी मिली थी लेकिन जब तक जांच एजेंसी की सूचना पाकर पुलिस वहां पहुंचती तबतक पटना और गया को दहलाने वाले ये सभी आतंकी फरार हो कर आजमगढ के पास अपने दूसरे सुरक्षित ठिकाने पर पहुंच गये थे। माना जा रहा है कि सिमी के लोकल कैडर की मदद से ये आतंकी अब आजमगढ़ में बैठकर अपनी साजिश को अमली जामा पहनाने की कोशिश करेंगे.हालांकि जानकारों का ये भी कहना है कि इन लोगों लिए अगर तुरंत ही अपने टेरर प्लान पर काम कर पाना संभव नहीं हो सका तो ये फिलहाल गिरफ्तारी से बचने के लिए नेपाल भी भाग सकते हैं।

आजमग़ढ से पिछले कुछ सालों में कई खूंखार आतंकवादियों की गिरफ्तारियां हुई हैं। जेल में बंद अबू सलेम, पाकिस्तान में छिपे बैठे अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और हाजी मस्तान मिर्जा का भी इस शहर से पुराना नाता है। सुनने में कुछ अजीब लग सकता है लेकिन हकीकत यही है कि आज आजमगढ़ के कई नौजवान यहां की धरती पर जन्मे कैफी आजमी को नहीं, बल्कि दाऊद इब्राहिम, अबू सलेम औऱ हाजी मस्तान जैसे दहशतगर्दों को अपना आदर्श मानते हैं।

First Published: Monday, November 18, 2013, 23:36

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