Last Updated: Saturday, April 12, 2014, 23:45

नई दिल्ली : फिल्मी हस्तियों को प्रदान किये जाने वाले प्रतिष्ठित दादासाहब फाल्के पुरस्कार के लिए चुने जाने पर गीतकार गुलजार ने कहा कि वह सम्मानित महसूस कर रहे हैं और संपूर्णता की अनुभूति हो रही है।
‘तुझसे नाराज नहीं जिंदगी’ और ‘तेरे बिना जिंदगी से’ जैसे अनेक लोकप्रिय गीत लिखने वाले और ‘मेरे अपने’, ‘कोशिश’, ‘खुशबू’, ‘अंगूर’, ‘लिबास’ और ‘माचिस’ जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुके 79 वर्षीय गुलजार यह सम्मान पाने वाले 45वीं शख्सियत होंगे।
गुलजार ने सम्मान के लिए चुने जाने पर खुशी जताते हुए कहा, ‘‘मैं क्या कहूं। मैं खुश और सम्मानित महसूस कर रहा हूं। यह एक राष्ट्रीय सम्मान है। यह संपूर्णता की अनुभूति है जो केवल एक गीत, स्क्रीनप्ले के लिए नहीं बल्कि पूरे काम के लिए है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी के प्यार और प्रोत्साहन के लिए शुक्रगुजार हूं। मैं ज्यूरी के सदस्यों का आभारी हूं। यह सम्मान का तरीका है जो बताता है कि आपके काम को पसंद किया जाता है और आप सही रास्ते पर हैं।’’ सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार प्रतिष्ठित कलाकारों की सात सदस्यीय ज्यूरी ने एकमत से इस पुरस्कार के लिए गुलजार के नाम की सिफारिश की।
गुलजार ने कहा, ‘‘मुझे नयी पीढ़ी के साथ काम करना अच्छा लगता है। वे बहुत प्रतिभाशाली हैं। यह पीढ़ी आपको अपने साथ आगे लेकर चलती है। मुझे राकेश ओमप्रकाश मेहरा, विशाल भारद्वाज, मुजफ्फर अली के बेटे शाद अली और मेघना जैसे लोगों का काम पसंद है। यह पीढ़ी वाकई प्रेरणा देती है। मैं उनके साथ काम करते हुए खुश होता हूं।’’ (एजेंसी)
First Published: Saturday, April 12, 2014, 23:45