Last Updated: Sunday, March 9, 2014, 16:31

मुंबई : दिग्गज अभिनेता अनुपम खेर का कहना है कि उन्हें एक्टिंग करने से ज्यादा एक्टिंग सिखाने में मजा आता है। अनुपम ने शुक्रवार को जीवन के 59वें बसंत में कदम रखा। वह `एक्टर प्रिपेयर्स` नामक एक एक्टिंग स्कूल चलाते हैं।
अनुपम ने कहा, "मुझे एक्टिंग करने से ज्यादा एक्टिंग सिखाने से प्यार है। औरों से लेने से कहीं बेहतर औरों को देना है। एक्टिंग का कोई पाठ्यक्रम नहीं होता और यह एक मजेदार अहसास है। मुझे नई पीढ़ी से बहुत कुछ सीखने को भी मिलता है।"
अपने फिल्मी करियर की शुरुआत में `सारांश` फिल्म में संजीदा भूमिका, `कर्मा` में खलनायक की भूमिका और `दिल है कि मानता नहीं` में एक जिंदादिल व्यक्ति की भूमिका निभाकर उन्होंने अपने एक्टिंग का लोहा मनवाया है। पिछले कुछ वर्षों में वह `मैंने गांधी को नहीं मारा`, `अ वेडनेसडे` और `टोटल सियापा` फिल्म में अलग-अलग भूमिकाओं में नजर आए हैं।
उन्होंने कहा, "मैं हमेशा कुछ हटकर करना चाहता था। यहां तक कि मैंने एक ही तरह की भूमिकाएं करने का मिथक भी तोड़ा। मैंने सभी तरह की भूमिकाएं की है। मेरा मुकाबला मुझसे है।" (एजेंसी)
First Published: Sunday, March 9, 2014, 16:27