Last Updated: Sunday, April 6, 2014, 11:06
नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने माधुरी दीक्षित और जूही चावला अभिनीत फिल्म ‘गुलाब गैंग’ की डीवीडी लाने और टेलीविजन चैनलों पर इसके प्रसारण की योजना के बारे में फिल्म के निर्माता से जवाब मांगा है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बी डी अहमद और न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल की खंडपीठ ने फिल्म निर्माता सहारा वन मीडिया और एंटरटेनमेन्ट लिमिटेड से 24 अप्रैल तक जवाब मांगा है। न्यायालय ने इससे पहले इस फिल्म के सात मार्च को प्रदर्शन पर रोक लगाने संबंधी एकल न्यायाधीश का आदेश निरस्त कर दिया था। न्यायालय उत्तर प्रदेश निवासी सामाजिक कार्यकर्ता संपत पाल के दावे की सुनवाई कर रहा है।
संपत पाल का आरोप है कि यह फिल्म उसके जीवन पर आधारित है। उनका यह भी तर्क है कि फिल्म में उन्हें और उनके समूह को ‘गुलाब गैंग’ के रूप में कमतर करके कानून तोड़ने वाले के रूप में दर्शाया गया है। लेकिन फिल्म निर्माताओं ने इन दलीलों का विरोध किया है।
इस मामले में अंतरिम राहत पाने में विफल रही संपत पाल ने इस फिल्म की डीवीडी जारी करने और टेलीविजन चैनलों पर इसके प्रदर्शन पर रोक लगाने के लिये अब न्यायालय में नयी याचिका दायर की है। यह फिल्म मार्च में सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुयी थी। इससे पहले, फिल्म निर्माताओं ने संपत पाल की इस दलील का विरोध किया था कि फिल्म का निरंतर प्रदर्शन ‘सतत मानहानिकारक’ जैसा है और उनका कहना था कि फिल्म बाक्स आफिस पर फ्लाप हो गयी थी।
उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश की पीठ ने संपत पाल के मानहानि के दावे का संज्ञान लेते हुये पांच मार्च को इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी। लेकिन बाद में दो न्यायाधीशों की खंडपीठ ने प्रदर्शन पर लगी रोक हटाते हुये इसमें स्पष्ट रूप से यह डिस्क्लेमर दिखाने का निर्देश दिया था कि इसका संपत पाल और उसके संगठन गुलाबी गैंग की जिन्दगी से कोई लेना देना नहीं है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, April 6, 2014, 11:06