रोमांस की अद्भुत रासलीला है भंसाली की`राम-लीला`

रोमांस की रासलीला से लबरेज है भंसाली की`राम-लीला`

रोमांस की रासलीला से लबरेज है भंसाली की`राम-लीला`ज़ी मीडिया ब्यूरो

नई दिल्ली: विवादों के बीच फिल्म रामलीला आखिरकार रिलीज हो गई। निर्देशक संजय लीला भंसाली ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि फिल्मी पर्दे के वह यकीनन बड़े जादूगर हैं। फिल्म में एक्शन जहां दर्शकों को दांतों तले उंगली दबाने पर मजबूर कर देता हैं वहीं रोमांस के मरहले में जब दर्शक दाखिल होते हैं तो टकटकी लगाकर देखने पर विवश हो जाते हैं।

रामलीला में भंसाली ने दिखा दिया है कि उन्हें फिल्मी पर्दे का जादूगर यूं ही नहीं कहा जाता। कहानी को किस अंदाज में बुनना, किस रंग में ढालना और किस दिशा में मोड़ना भंसाली की यही खासियत है और ऐसा कर पाने में वह एक तरह से इस फिल्म में भी कामयाब रहे हैं। विषय कोई नया नहीं लेकिन हां कहानी और ट्रीटमेंट उन्होंने नए अंदाज में परोसी है।

फिल्म की कहानी शेक्सपीयर के रोमियो-जूलियट से प्रेरित है। फिल्म की कहानी गुजरात के कच्छ के एक गांव की है जहां अवैध रूप से हथियार बनाए और बेचे जाते हैं। गांव के दो खानदानों में कट्टर दुश्मनी है और छोटी-छोटी बातों पर गोलियां चलती हैं और कत्लेआम मच जाता है। इन्हीं दो खानदानों के राम (रणवीर सिंह) और लीला (दीपिका पदुकोण) में प्यार हो जाता है लेकिन हालात इन्हें एक दूसरे से अलग कर देते हैं और इनके बीच गलतफहमियां खड़ी हो जाती हैं। बाद में ये दोनों अपने अपने खानदानों के मुखिया बनते हैं और एक-दूसरे के खिलाफ हो जाते हैं। और अंत में रोमियो-जूलियट की तरह दोनों एक-दूसरे को...।

संजय लीला भंसाली ने फिल्म की शुरुआत बहुत अच्छी की है। रणवीर-दीपिका के शुरुआती सीन फिल्म की जान हैं। फिल्म में कई जगहों पर संवाद डबल मीनिंग वाले हैं जैसे फिगर पे मत जा, ट्रिगर दबा दूंगी। कही-कही ऐसा लगता है कि रोमांस के सींस को फूहड़ता दिखाते हुए जबरन ठूंसा गया है। लेकिन अभिनय में दीपिका ने रणवीर को मात दे दी है। अपने अभिनय और खूबसूरती से उसने दिल जीत लिया है।

गुजराती लड़की के किरदार में वह खूब जंची है। रणवीर सिंह कहीं-कहीं कमजोर कड़ी लगते हैं। लेकिन कुल मिलाकर यह फिल्म एक्शन और रोमांस के विविध रंगों से भरपूर है जिसे देखा जा सकता है।

First Published: Friday, November 15, 2013, 15:36

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