Last Updated: Wednesday, June 4, 2014, 12:39

मुंबई: फिल्मकार-अभिनेता महेश मांजरेकर ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ते समय अपनी मराठी फिल्म `काकस्पर्श` के हिंदी-तमिल संस्करण की शूटिंग की और इसे पूरा किया। वह कहते हैं कि विधवा विवाह विषय हर जगह प्रासंगिक है, इसलिए उन्होंने फिल्म को दोबारा बनाया।
चुनाव हार चुके मांजरेकर ने कहा, यह मुश्किल था, लेकिन मैं सबसे पहले एक फिल्मकार हूं..यहां तक कि जब मैं चुनाव लड़ रहा था तब भी पहले एक फिल्मकार ही था। `काकस्पर्श` चार वर्षों में मांजरेकर की पहली हिंदी फिल्म है।
`अस्तित्व` और `वास्तव` सरीखी हिंदी फिल्मों के निर्देशक ने कहा, मेरे लिए मराठी में फिल्म बनाना हिदी से थोड़ा रोमांचक और चुनौतीपूर्ण था। मैंने हिंदी में `काकस्पर्श` सिर्फ इस वजह से बनाई क्योंकि फिल्म जो विधवा विवाह का मुद्दा उठाती है, वह हर भाषा में प्रासंगिक है। उन्होंने फिल्म के तमिल रीमेक में मराठी मूल के अपने पसंदीदा अभिनेता सचिन खेड़कर की जगह अरविंद स्वामी को लिया है।
इस बारे में उन्होंने कहा, मुझे किसी ऐसे अभिनेता की जरूरत थी, जिसकी एक बंधी-बंधाई छवि न हो..मैंने विधवा की भूमिका में वैदेही परशुरामी को लिया है। वह इससे पूर्व मेरी एक मराठी फिल्म में भी अभिनय कर चुकी हैं।
मांजरेकर ने कहा, मैंने तमिल में `काकस्पर्श` इसलिए बनाई क्योंकि कोकणी संस्कृति और तमिल पृष्ठभूमि समान हैं। इस फिल्म के हिंदी और तमिल संस्करण में संगीत इल्लया राजा ने दिया है।
मांजरेकर ने कहा, राजा सर ने मूल `काकस्पर्श` फिल्म देखी है और वह तैयार थे। किसी ने मुझे मना नहीं किया..मुझे महसूस हुआ कि यह कहानी सभी दर्शकों को बताने की जरूरत है। उन्हें लोकसभा चुनाव हारने का कोई मलाल नहीं है।
मांजरेकर ने कहा कि मनसे प्रमुख राज ठाकरे के साथ उनका जुड़ाव आगे भी बरकरार रहेगा। वह बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों का विरोध इसलिए करते हैं कि मराठी मानुष की तरक्की चाहते हैं। अपने लोगों की भलाई सभी चाहते हैं, इसमें बुराई क्या है? उन्होंने कहा,हम सभी भाजपा की जीत चाहते थे और इस हद तक कि यह चुनाव हर किसी की कामयाबी बने।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, June 4, 2014, 12:39