Last Updated: Wednesday, April 16, 2014, 17:14

न्यूयॉर्क: रक्त की एक बूंद से अस्थमा के शुरुआती मामलों का पता तेज, सस्ते और अधिक सटीक तरीके से लगाया जा सकता है। यूनिवर्सिटी ऑफ विसकोनसिन मेडिसन के शोधकर्ताओं के मुताबिक, यह हैंड-हेल्ड तकनीक अस्थमा का पता लगा सकती है।
बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर डेविड बीबे ने बताया कि आंकड़े दर्शाते हैं कि कुछ मामलों में न्यूट्रोफिल (श्वेत रक्त कणिकाओं के) के कार्य का पूर्वानुमान हो सकता है और इस मामले में यह वास्तव में अनुमान लगाता है कि किसी व्यक्ति को अस्थमा है या नहीं है। यह अध्ययन दर्शाता है कि यह प्रक्रिया वास्तव में एक सस्ते, सरल और प्रयोगात्मक तरीके से काम कर सकती है।
शुरुआती दौर में अस्थमा का सही पता लग पाना बहुत मुश्किल होता है। बीबे ने बताया कि वर्तमान में अस्थमा का पता अप्रत्यक्ष तरीकों से लगाया जाता है जो कि अनुकूल नहीं है। हम दिखाते हैं कि कोशिका का कार्य अस्थमा का पता लगाने में प्रयोग किया जा सकता है। हम कोशिका कार्य का प्रयोग इस तरीके से कर सकते हैं जो कि साधारण, सस्ता और जांच में प्रयोग के लिए पर्याप्त है।
इसका पता शरीर की श्वेत रक्त कणिकाओं न्यूट्रोफिल्स से चलता है। न्यूट्रोफिल्स शरीर में रसायन को गंध की तरह समझ लेती हैं। शोधकर्ताओं ने एक किट-आन-ए-लिड-एसे (केओएएलए) माइक्रोफ्यूडिक प्रौद्योगिकी विकसित की है जिससे रक्त की एक बूंद में ही न्यूट्रोफिल्स खोजने में मदद मिली।
रसायन के मिश्रण से न्यूट्रोफिल्मस में कंपन पैदा किया जाता है और शोधकर्ता सॉफ्टवेयर का उपयोग करके यूट्रोफिल के केमोटैक्सिस वेलोसिटी का विश्लेषण कर सकते हैं। प्रोसीडिंग ऑफ द नेशनल अकेडमी ऑफ साइंसेज (पीएनएएस) के शोधपत्र में प्रकाशित अध्ययन में बीबे ने कहा कि कोएएएलए अगली पीढ़ी के बायोमेडिकल शोध किट का प्रतिनिधित्व करता है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, April 16, 2014, 17:14