Last Updated: Thursday, March 20, 2014, 18:26

मेलबर्न: पौष्टिक और संतुलित मात्रा में भोजन करना न सिर्फ लैब में रखे पशुओं को दीर्घायु प्रदान करने में सहायक साबित हुआ, बल्कि मनुष्यों को भी यह कैंसर और दूसरी जानलेवा बीमारियों से बचाए रखने में कारगर है। ऑस्ट्रेलिया की न्यू साउथ वेस्ट यूनिवर्सिटी (यूएनएसडब्ल्यू) के क्रांतिकारी शोधकर्ता मारगो एडलर के नए शोध में पता चला है कि खाने पीने की आदतों में नियंत्रण रखने से कोशिकाओं की पुनर्रचना और शरीर की तंत्रिका की मरम्मत में मदद मिलती है।
यह सिद्धांत पशुओं को अल्पाहार की स्थिति में शारीरिक जरूरतों में संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। पशुओं को जीवित रहने के लिए कम मात्रा में भोजन की आवश्यकता होती है, क्योंकि उनके उत्तकों में एकत्र पोषक तत्व पुनर्नवीनीकरण द्वारा पुन: उपयोग में आते हैं। एडलर ने कहा कि यह मानव स्वास्थ्य के स्तर पर सबसे पेचीदा पहलू है।
उन्होंने कहा कि बहरहाल दीर्घायु होना खाने पीने में बरते गए परहेज का प्रभाव हो सकता है, लेकिन उत्तकों के पुनर्नवीनीकरण प्रणाली को ठीक से समझना इस सिद्धांत को लंबी अवधि के लिए फायदेमंद साबित कर सकता है, जिससे मनुष्यों को स्वस्थ और लंबा जीवन मिल सकता है।
अध्ययन के अनुसार, भविष्य में यह संभव हो सकता है कि ऐसी दवाएं विकसित कर ली जाएं जो इस प्रभाव पर आधारित हों। यह शोध पत्रिका बायोएसेज में प्रकाशित हुई है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, March 20, 2014, 08:35