Last Updated: Sunday, May 11, 2014, 14:34

चेन्नई: यूं तो गर्मियों में `मद्रास आई` जिसे बोलचाल की भाषा में `आंख आना` कहते हैं, बेहद आम है, लेकिन जानकारों के अनुसार इस गर्मी के मौसम में यह बीमारी कुछ ज्यादा खतरनाक साबित हो रही है। चिकित्सकों के मुताबिक, इस बीमारी के लिए जिम्मेदार जीवाणु दवाओं के प्रति पहले से ज्यादा प्रतिरोधी हो गए हैं और मौजूद दवाओं का असर इन पर कम हो रहा है।
वासन आई केयर अस्पताल की सपना मारडी ने आईएएनएस को बताया, `हमारे यहां इस बीमारी से संबधित हर दिन करीब 10 मरीज आ रहे हैं। हमने पाया कि इस बीमारी के लिए दी जाने वाली दवाओं के प्रति इसके जीवाणु प्रतिरोधी हो गए हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि कुछ मामले बेहद मामूली होते हैं और वह खुद से ठीक भी हो जाते हैं, जबकि गंभीर मामलों में इसे ठीक होने में तीन से चार हफ्तों का समय लग सकता है। इस बीमारी में आखों के उजले भाग पर संक्रमण हो जाता है और इसका रंग लाल हो जाता है। यह संक्रमण एक आदमी से दूसरे तक आसानी से पहुंचता है। हालांकि कई बार धूल, धुंआ और प्रदूषण से भी यह समस्या हो जाती है।
इस बीमारी के दौरान संक्रमित इंसान को आंखों में खुजली, धुंधला दिखना जैसी समस्याएं होती हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, दिन में खूब पानी पीना इससे बचने का एक अच्छा उपाय है। इसके अलावा हरी सब्जियों, ताजे फलों का सेवन, अच्छी नींद लेना आदि भी इस बीमारी को दूर रखने में मदद करता है। ठंडी चीजों, जैसे ककड़ी आदि को आखों पर रखने से भी इस मौसम में ताजगी महसूस होती है।
`आंख आने` की बीमारी के बचने के कुछ उपाए-
संक्रमित आंख को छूने या रगड़ने से बचें।
दिन में अपनी आंखों को कई बार ठंडे पानी से धोएं। खासकर दिनभर के काम के बाद घर लौटने पर यह जरूर करें।
किसी दूसरे का तौलिया, रूमाल, तकिया, बिस्तर आदि इस्तेमाल करने से बचें।
दुपहिया वाहन पर चलते समय हमेशा धूप के चश्मे का इस्तेमाल करें।
हमेशा चश्मा पहन कर ही तैराकी करें।
जो इस बीमारी से पहले से ही ग्रसित हैं, उनसे दूर रहें।
(एजेंसी)
First Published: Sunday, May 11, 2014, 14:26