Last Updated: Friday, March 14, 2014, 13:12

नई दिल्ली: आपकी नींद का आपकी हृदय गति से गहरा नाता होता है। सर गंगा राम अस्पताल में हृदय रोगियों पर किए गए ताजा अध्ययन से यह खुलासा हुआ है कि 96 फीसदी हृदय रोगियों में नींद के दौरान श्वसन संबंधी समस्या पाई जाती है।
नींद के दौरान उत्पन्न होने वाली इस समस्या को चिकित्सा विज्ञान में आब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया सिंड्राम (ओएसएएस) के रूप में जाना जाता है। इस बीमारी में नींद के दौरान सांस रूक जाती है या फिर धीमी हो जाती है।
सर गंगाराम अस्पताल के डिपार्टमेंट आफ स्लीप मेडिसिन के विभागाध्यक्ष संजय मनचंदा ने कि नींद की कमी सीधे हृदय रोग से जुड़ी होती है। पर्याप्त नींद बेहद जरूरी होती है। रात में पर्याप्त नींद लेने से हृदयाघात, मधुमेह और सड़क दुर्घटना से बचा जा सकता है।
यह अध्ययन अस्पताल ने फिलिप्स हेल्थकेयर के सहयोग से किया गया। अध्ययन के मुताबिक, 58 प्रतिशत हृदय रोगी नींद संबंधित समस्या से ग्रसित होते हैं और इनमें से 85 फीसदी को इस समस्या तथा हृदय रोग और नींद की कमी के संबंध का पता नहीं होता।
मनचंदा का कहना है कि शराब, धूम्रपान और दर्द दूर करने की दवाई के इस्तेमाल से यह समस्या उत्पन्न होती है, लेकिन कुछ लोगों में यह समस्या कंठ और शरीर के ऊपरी हिस्से की संरचना की वजह से होती है। खर्राटा इसका संकेत होता है।
अस्पताल के हृदय रोग विभाग के अध्यक्ष जे.पी.एस. सावने का कहना है कि आम तौर पर नींद में सांस की समस्या का इलाज नहीं कराया जाता है।
चिकित्सकों का कहना है कि इस समस्या से आसानी से निजात पाया जा सकता है। इसके लिए वे सर्जरी या फिर नींद के दौरान सी-पैप मशीन के इस्तेमाल की सलाह देते हैं। इस मशीन की कीमत 35,000 से 90,000 रुपये के बीच है। (एजेंसी)
First Published: Friday, March 14, 2014, 13:12