जीन की लय को प्रभावित करती है नाइट शिफ्ट

जीन की लय को प्रभावित करती है नाइट शिफ्ट

लंदन: रात की पालियों में काम करने वालों और हवाई यात्रा के कारण नींद न ले पाने वालों को अपनी जीनों को फिर से आकार में लाने के लिए अपनी दिनचर्या को सही ढंग से निर्धारित करने का समय है। यूनिवर्सिटी ऑफ सरे के अध्ययन में पाया गया कि सोने के समय होने यानी की रात पालियों में काम करने से हमारे जीनों की दैनिक लय बाधित होती है।

यूनिवर्सिटी ऑफ सरे, इंग्लैंड के शयन शोध केंद्र के प्रोफेसर डर्क-जैन दिज्क ने बताया कि यह शोध, रात की पालियों, जेट लेग और हमारे जीन की लय को बाधित करने वाली अन्य परिस्थितियों से जुड़ी नकारात्मक स्वास्थ्य समस्याओं को समझने हमारी मदद कर सकता है।

शोधकर्ताओं ने 22 प्रतिभागियों को प्राकृतिक प्रकाश और अंधेरे रहित एक नियंत्रित वातावरण में 28 घंटों तक रखा। नतीजों में उनके सोने-जागने के चक्र में हर दिन चार घंटों का विलंब था। उसके बाद शोध दल ने जीन अभिव्यक्ति की लय को मापने मे लिए प्रतिभागियों के खून के नमूने इकट्ठे किए।

प्रोसीडिंग्स ऑफ नेशनल अकेडमी ऑफ साइंस जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया कि नींद के समय व्यवधान के दौरान सर्केडियन लय (24 घंटों के चक्र के साथ शरीर की प्रक्रिया) में दिखने वाले जीनों की संख्या में छह गुना कमी आई। अध्ययन में बताया, सोने-जागने के चक्र से जीन नियमित किए जा सकते हैं। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, January 22, 2014, 13:33

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