ईरानी जेल से रिहा 10 भारतीय नाविक गुजरात पहुंचे

ईरानी जेल से रिहा 10 भारतीय नाविक गुजरात पहुंचे

वडोदरा : ईरान की एक जेल से रिहा होने के बाद 10 भारतीय नाविक गुजरात स्थित अपने पैतृक स्थान पहुंचकर अपने-अपने परिवार के सदस्यों से मिले।

जेल से रिहा नाविकों में कैप्टन अली अमाद टी मदियर, उमर हुसैन तैयम, पालिन सुलेमान मदियर, कासम मामा करानी, इब्राहिम उमर जुनेजा, सिद्दिीकी आदम मदियर, हुसैन अब्दुल हामिद, मौसिन दारून रूकनाली, आसिफ ममाद मदियर और अमाद कासम अंधर शामिल हैं।

कैप्टन अली अमाद मदियर ने कहा, ‘ईरान की जेल में गत पांच महीने बंद रहने के बाद हमारी रिहाई के लिए प्रयास करने के लिए हम प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और निर्दलीय राज्यसभा सांसद परिमल नथवानी को धन्यवाद देते हैं।’ गत 23 मई से ईरान की जेल में बंद इन 10 भारतीय नाविकों की रिहायी के लिए नथवानी ने गत 15 अक्तूबर को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अनुरोध किया था।

मदियर ने कहा, ‘हम गुजरात के कच्छ जिले के मांडवी तालुका के रहने वाले हैं और हमें ईरान मैरीन सिक्युरिटी एजेंसी ने 23 मई को तब हिरासत में ले लिया था जब हमारे पोत ‘अल हुद’ को ईरान की जल सीमा में प्रवेश करने के लिए जब्त कर लिया गया था।’

मदियर ने बताया कि पोत दुबई से ओमान जा रहा था। रास्ते में ईरानी सुरक्षा एजेंसी ने आरोप लगाया कि पोत ने अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा, ‘हमें ईरानी सुरक्षा एजेंसियों ने जेल में डाल दिया और हमारे पोत को जब्त कर लिया गया। हमें ईरान में एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया जहां पोत के मालिक दुबई के व्यापारी सुलेमान अब्दुल रहमान पर 41 लाख रूपये का जुर्माना लगाया गया। इसके अलावा प्रत्येक नाविक पर 19800 रूपये का जुर्माना भी लगाया गया।’

उन्होंने बताया कि ईरानी जेल अधिकारी नाविकों को अंतरराष्ट्रीय कॉल करने की भी इजाजत नहीं दे रहे थे और उनके लिए गुजरात में अपने परिवार के सदस्यों तक संदेश पहुंचाने में बहुत मुश्किल हो रही थी। उन्होंने कहा, ‘हमने अपने परिवार के सदस्यों तक संदेश सात दिन बाद पहुंचा सके जब पोत के मालिक के वकील ने हमसे जेल में सम्पर्क किया। उनके जरिये हमारी हिरासत की सूचना परिवार तक संप्रेषित हो सकी।’ (एजेंसी)

First Published: Saturday, November 2, 2013, 20:19

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