Last Updated: Wednesday, December 18, 2013, 12:57
नई दिल्ली : नोबेल पुरस्कार विजेता अमृत्य सेन ने कहा है कि 2002 में गुजरात में हुए दंगों की तुलना 1984 में दिल्ली में हुए सिख विरोधी दंगों से नहीं की जा सकती है।
दरअसल इंफोसिस प्रमुख एन आर नारायणमूर्ति ने कहा था कि गुजरात में हुए दंगे नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के मार्ग के बीच नहीं आने चाहिए। सेन ने नारायणमूर्ति के इस विचार को खारिज करते हुए यह बयान दिया।
सेन ने हालांकि इस तथ्य को ‘अत्यंत शर्मनाक’ बताया कि 1984 के दंगों के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में नहीं लाया गया लेकिन उन्होंने सिख विरोधी दंगों और गुजरात में हुए दंगों में अंतर बताया।
सेन ने तर्क दिया कि चुनावों में लड़ रहे मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत कांग्रेस नेता सिख विरोधी दंगों के लिए जिम्मेदार नहीं हैं। किसी ने उन पर इसका आरोप नहीं लगाया जबकि गुजरात में जब दंगे हुए तो उस समय नरेंद्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने एक निजी समाचार चैनल को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि सिख विरोधी दंगे कांग्रेस के सिद्धांत के अनुरूप नहीं हैं। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, December 18, 2013, 12:57