2002 दंगे : मोदी को क्लिन चिट के खिलाफ उच्च न्यायालय पहुंचीं जाकिया जाफरी

2002 दंगे : मोदी को क्लिन चिट के खिलाफ उच्च न्यायालय पहुंचीं जाकिया जाफरी

2002 दंगे : मोदी को क्लिन चिट के खिलाफ उच्च न्यायालय पहुंचीं जाकिया जाफरी अहमदाबाद : पूर्व कांग्रेसी सांसद अहसान जाफरी की विधवा जकिया जाफरी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री पद के भाजपा के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी को वर्ष 2002 के दंगों के मामले में एसआईटी द्वारा क्लीन चिट देने के फैसले को सही ठहराने वाले अहमदाबाद मेट्रोपोलिटन अदालत के आदेश के खिलाफ गुजरात उच्च न्यायालय में चुनौती दी है।

सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने बताया, ‘‘हमने मेट्रोपोलिटन अदालत के आदेश को चुनौती दी है जो मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को दी गयी क्लीन चिट को सही ठहराता है।’’ उच्च न्यायालय में दायर याचिका में मांग की गयी है कि नरेन्द्र मोदी और 59 अन्य को दंगों के पीछे की आपराधिक साजिश के आरोपों में आरोपी बनाया जाए।

याचिका कहती है, ‘‘मेट्रोपोलिटन जज ने याचिकाकर्ता (जकिया) के ठोस तर्को पर विचार किए बिना साधारण तरीके से एसआईटी की मामले को बंद करने संबंधी रिपोर्ट के विचारों को स्वीकार कर लिया।’’ पिछले साल 26 दिसंबर को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट बी जे गनात्रा ने एसआईटी द्वारा मोदी को क्लीन चिट दिए जाने के खिलाफ दाखिल की गयी जकिया जाफरी की विरोध याचिका को नामंजूर कर दिया था।

उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) ने 8 फरवरी 2012 को इस मामले को बंद करने के लिए रिपोर्ट दाखिल की थी और मोदी तथा अन्य को क्लीन चिट दी थी। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है, ‘‘एसआईटी ने आरोपी नंबर 1 (मोदी) के खिलाफ स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच नहीं की।’’ उच्च न्यायालय द्वारा जकिया की याचिका पर 20 मार्च को सुनवाई किए जाने की संभावना है।

गौरतलब है कि 28 फरवरी 2002 को गोधरा ट्रेन नरसंहार के बाद भड़के दंगों के दौरान गुलबर्ग सोसायटी में एक भीड़ ने पूर्व सांसद अहसान जाफरी सहित 68 लोगों को मार दिया था। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, March 18, 2014, 19:38

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