Last Updated: Saturday, December 14, 2013, 16:06

मुंबई : वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को लगता है कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद ‘पूर्ण बहुमत’ से किसी की भी सरकार बननी मुश्किल है।
एनएसई की 20वीं वषर्गांठ के उपलक्ष्य में आज यहां आयोजित एक समारोह में चर्चा के दौरान उन्होंने कहा, ‘लेकिन अगर ऐसा होता है, तो यह कमजोरियों को दूर करने का एक महत्वपूर्ण अवसर होगा। मुझे लगता है कि हमें चुनाव तक इंतजार करना चाहिए। मैं पक्के तौर पर नहीं सकता कि इस चुनाव में किसी को भी संसद में पूर्ण बहुमत मिल पाएगा।’
चिदंबरम ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र मंथन के दौर से गुजर रहा है। उनकी नजर में बीते 60 वर्षों के इतिहास में भारतीय लोकतंत्र अपने ‘सबसे कमजोर स्थिति’ में है। उन्होंने कहा, ‘हमारी संस्थाओं के हद से आगे बढ़ने की वजह से कार्यों के निष्पादन में रुकावट या बाधा उत्पन्न हो रही है, संसद काफी हद तक पंगु हो चुकी है और यहां एक गलत रूमानी धारणा है कि हमारी सभी समस्याओं का एक न्यायिक हल है।’
वित्त मंत्री ने कहा, ‘संसद का काम कानून बनाना है और न्यायपालिका को उसे स्वीकार करना चाहिए। यहां कोई न्यायिक मानक नहीं हैं, जिसके जरिए न्यायाधीश किसी मुद्दे पर फैसला कर सकें। न्यायाधीश केवल उन्हीं मुद्दों पर फैसला कर सकते हैं, जहां कोई न्यायिक मानक हो।’ (एजेंसी)
First Published: Saturday, December 14, 2013, 16:06