Last Updated: Saturday, December 14, 2013, 22:03
न दिल्ली : जानेमाने अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने आज कहा कि राजनीति में आम आदमी पार्टी का उदय एक महत्चपूर्ण बदलाव है, जिसने स्थापित संस्थाओं को चुनौती दी है। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित सेन ने कहा कि मुहिम से दूर रहने का अन्ना हजारे का फैसला विवेकपूर्ण नहीं था।
सेन ने कहा, ‘अन्ना हजारे मुहिम में शामिल नहीं हुए और मैं समझता हूं कि इस अर्थ में यह विवेकपूर्ण फैसला नहीं था क्योंकि आप कानून प्रणाली से बाहर रहे।’ सेन ने कहा कि आप ने लोगों को एकत्र करने के लिए मूलभूत मुद्दों को उठाया।
उन्होंने भारत में समलैंगिंक संबंधों को अपराध की श्रेणी में लाने संबंधी उच्चतम न्यायालय के फैसले की भी आलोचना की और कहा कि समलैंगिकता का अपराधीकरण अल्पसंख्यक अधिकारों का उल्लंघन है।
इंफोसिस के मेंटर एन आर नारायण मूर्ति ने भी केजरीवाल और उनकी पार्टी की सराहना की और कहा कि उन्होंने यह संदेश दिया है कि अगर किसी के पास कुछ प्रभावशाली संदेश हों तो वह कम पैसे में भी चुनाव जीत सकता है। पूर्व केंद्रीय मंत्री अरूण शौरी ने आप के उदय को उन राजनीतिक दलों के लिए चौंकाने वाली मुनादी बताया जिनसे लोग उब गए हैं। (एजेंसी)
First Published: Saturday, December 14, 2013, 22:03