आम चुनाव में आम आदमी पार्टी देगी कड़ी टक्‍कर, कांग्रेस को होगा नुकसान: सर्वे

आम चुनाव में आम आदमी पार्टी देगी कड़ी टक्‍कर, कांग्रेस को होगा नुकसान: सर्वे

आम चुनाव में आम आदमी पार्टी देगी कड़ी टक्‍कर, कांग्रेस को होगा नुकसान: सर्वे  ज़ी मीडिया ब्‍यूरो

नई दिल्‍ली : दिल्ली में सरकार बनाने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) आगामी लोकसभा चुनाव में भी अपनी सफलता बरकरार रख सकती है। आगामी आम चुनाव में बड़े शहरों में भाजपा को आम आदमी पार्टी की ओर से कड़ी चुनौती मिल सकती है। एक ताजा सर्वे में कहा गया है कि आप की बढ़ती लोकप्रियता से जहां दिल्ली में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो जाएगा, वहीं मुंबई में कांग्रेस व भाजपा गठबंधन को कड़ी टक्कर मिलने वाली है। यानी मुंबई में `आप` दोनों पार्टियों भाजपा और कांग्रेस का काम बिगाड़ेगी।

हालांकि भाजपा के लिए यह अच्छी खबर है कि नरेंद्र मोदी को मुंबई और एनसीआर की 48 फीसद जनता पसंद कर रही है, जबकि केजरीवाल को 31 फीसद लोग प्रधानमंत्री देखना चाहते हैं। वहीं राहुल गांधी के पक्ष में 16 फीसद लोग हैं। यह सर्वे 10 से 12 जनवरी के बीच किया गया। इसमें 2,585 मतदाता शामिल हुए।

पिछले लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी सात सीटों पर कांग्रेस जीती थी, पर सर्वे के मुताबिक इस बार उसे यहां एक भी सीट नहीं मिलने जा रही है। `आप` का दिल्ली में सबसे ज्यादा असर है और लोकसभा चुनाव में यह पार्टी दिल्ली की छह सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है। एक सीट भाजपा के नाम हो सकती है।

आम आदमी पार्टी की लहर दिल्ली के साथ पूरे एनसीआर में है और इसका असर लोकसभा चुनाव में भी दिखना तय माना जा रहा है। सर्वे के मुताबिक भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह को अपनी सीट (गाजियाबाद) गंवानी पड़ सकती है। हालांकि गौतमबुद्धनगर सीट बीजेपी के खाते में जा सकती है। गुड़गांव और फरीदाबाद सीट पर भी कांग्रेस की हालत बहुत खराब है। यहां `आप` की स्थिति ठीक है, लेकिन ये दोनों सीटें भाजपा की झोली में जा सकती हैं। मुंबई-ठाणे की 10 सीटों में `आप` एक जीत सकती है। भाजपा-शिवसेना गठबंधन को छह, जबकि कांग्रेस को तीन सीटें मिल सकती हैं। गौतमबुद्ध नगर में भाजपा अपना परचम लहरा सकती है। वहीं गुड़गांव और फरीदाबाद में भी कांग्रेस की हालत खस्ता है। इन दोनों सीटों पर भाजपा कब्जा जमा सकती है।

सर्वे के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर और मुंबई-ठाणे की कुल 21 लोकसभा सीटों में आप को 8 सीटें मिल सकती है, वहीं एनडीए को 10 सीटें मिलेंगी। यूपीए की झोली में सिर्फ 3 सीटें जाएंगी। 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान इन 21 सीटों में से 17 सीटों पर कांग्रेस-एनसीपी ने जीत दर्ज की थी, जबकि भाजपा को सिर्फ 2 सीटें मिली थीं। दिल्ली और एनसीआर मिलाकर प्रधानमंत्री की दौड़ में केजरीवाल और मोदी में सीधी टक्कर है। 45 फीसद लोग जहां मोदी को पीएम चाहते हैं, वहीं 42 फीसद जनता केजरीवाल को पसंद करती है। सिर्फ 11 फीसद लोग राहुल के पक्ष में हैं।

First Published: Tuesday, January 14, 2014, 11:14

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