Last Updated: Thursday, October 10, 2013, 22:53

गाजियाबाद: आरुषि-हेमराज दोहरे हत्या मामले में अभियोजन पक्ष ने गुरुवार को अपनी ओर से अंतिम दलील रखनी शुरू की। विशेष अदालत द्वारा तलवार दंपति के वकील की कुछ और सबूत अभिलेख पर रखने का अनुरोध ठुकराए जाने के बाद अंतिम सुनवाई शुरू हुई है।
आरुषि के माता-पिता और मामले के आरोपी राजेश एवं नुपुर तलवार के वकील सत्यकेतु सिंह ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत से अंतिम दलील सुने जाने से पहले नौकरों के कुछ फोरेंसिक जांच के परिणाम अभिलेख पर रखने के लिए 21 अक्टूबर तक का समय मांगा। विशेष अदालत के न्यायाधीश एस. लाल ने हालांकि अभियोजन पक्ष को अंतिम दलील पेश करने की अनुमति दे दी।
सीबीआई के वकील ने अदालत को बताया कि हत्या की शिकार हुई किशोरी के शव पर दो तरह के घाव पाए गए। एक भारी वस्तु से और दूसरा तेज धारदार से। एजेंसी के मुताबिक, परिस्थिति जन्य साक्ष्य दर्शाते हैं कि भारी वस्तु से लगा घाव गोल्फ स्टिक द्वारा लगा था।
तलवार दंपति ने अपने घर में गोल्फ स्टिक का सेट होने की बात आनाकानी करते हुए मानी। इनमें से चार गायब थे और उनका दावा था कि ये गुम हो गए हैं और उनका कहीं पता नहीं है।
लेकिन उनके ड्राइवर उमेश ने बाद में लापता गोल्फ स्टिक की तलाश करने में मदद की। फोरेंसिक जांच में पुष्टि हुई कि स्टिक के उसी हिस्से की अतिरिक्त सफाई की गई जिस हिस्से से अरुषि के शरीर पर घातक घाव लगे थे।
उमेश की गवाही कि `उस दिन उसने रात 8:30 बजे आरुषि, उसके माता-पिता और नौकर हेमराज को घर में देखा था` के आधार पर अभियोजन ने कहा कि चूंकि पुलिस की जांच में पता चलता है कि घर में किसी बाहरी व्यक्ति के घुसने का कोई संकेत नहीं मिला है, इसलिए केवल माता-पिता ही हत्यारे हो सकते हैं।
सीबीआई ने कहा कि तलवार दंपति ने उस दिन अपने पहने हुए कपड़े बदल लिए थे और रक्त से सने कपड़े जांचकर्ताओं को मुहैया नहीं कराए। इसके अलावा उन्होंने अपराध की जगह में भी फेरबदल की। आधे घंटे तक दलीलें सुनने के बाद अदालत शुक्रवार तक के लिए मुल्तवी कर दी गई। शुक्रवार को सीबीआई की दलील जारी रहेगी। (एजेंसी)
First Published: Thursday, October 10, 2013, 22:53