अब समलैंगिक अमेरिकी राजनयिकों पर कार्रवाई होगी?

अब समलैंगिक अमेरिकी राजनयिकों पर कार्रवाई होगी?

नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भारतीय दंड संहिता के तहत समलैंगिक संबंधों को अपराध करार दिए जाने के बाद क्या भारत सरकार उन अमेरिकी राजनयिकों के खिलाफ कार्रवाई करेगी, जिन्होंने खुद से अपने को समलैंगिक घोषित कर रखा है और उन्होंने अपने समलैंगिक जोड़ों के लिए राजनयिक छूट की मांग कर रखी है?

जानकार सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की कि चूंकि भारत ने अमेरिका द्वारा बिनाशर्त माफी मांगे जाने तक अमेरिकी राजनयिकों के खिलाफ अतिरिक्त कार्रवाई करने की धमकी दी है, लिहाजा सरकारी हलकों में इस बात की चर्चा है कि समलैंगिक राजनयिकों और उनके ऐसे साथियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए आईपीसी की धारा 377 को लागू किया जाएगा।

देशों के साथ राजनयिक संबंध, वियना कनवेंशन फॉर डिप्लोमेटिक रिलेशंस और वियना कनवेंशन फॉर कंसुलर रिलेशंस के तहत परस्पर आदान-प्रदान के रूप में संचालित होते हैं। जब कोई देश किसी अन्य देश के राजनयिकों या दूतावास के खिलाफ कनवेंशनों के विरुद्ध कार्य करता है, तो उस देश को भी उसके खिलाफ जवाबी कदम उठाने की आजादी होती है। अधिकारियों ने कहा कि भारत सरकार को ऐसे कई राजनयिकों के बारे में जानकारी है, जिन्होंने समलैंगिक संबंधों की घोषणा कर रखी है और उन्होंने अपने जोड़ों के लिए छूट तथा राजनयिक सुविधाओं की मांग की है।

एक सूत्र ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि हम ऐसे अमेरिकी राजनयिकों को जानते हैं, यदि हम चाहें तो भारतीय कानूनों के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं। सूत्र ने कहा कि यह सच्चाई है कि यहां के कानून के अनुसार अब इस तरह के संबंध अवैध हैं और इसलिए ऐसे लोगों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जा सकती है, जिसके लिए उन्हें राजनयिक छूट नहीं मिली हुई है। अमेरिकी मामलों को देखने वाले अधिकारियों ने कहा कि वाशिंगटन केवल सख्त भाषा समझता है। उन अधिकारियों ने इस संदर्भ में उदाहरण दिया। उन्होंने बताया कि लगभग 10 वर्ष पहले अमेरिका ने अचानक भारतीय राजनयिकों से खास कर सुविधाएं वापस ले ली थीं। जवाब में भारत ने भी यहां अमेरिकी दूतावास के संचालन पर सेवा कर की देनदारी लाद दी थी।

जब अमेरिकी दूतावास ने सेवा कर हटाने के बारे में सरकार से फरियाद की तो उनसे कहा गया कि भारतीय राजनयिकों को कर सुविधाएं बहाल किए जाने के बाद ही यह संभव हो सकेगा। उसके बाद अमेरिका ने उन सुविधाओं को बहाल कर दिया और नई दिल्ली ने भी अमेरिकी दूतावास को बख्श दिया। हालिया कूटनीति विवाद, न्यूयार्क स्थित भारतीय उपमहावाणिज्यदूत, देवयानी खोब्रागाडे की गिरफ्तारी और उनकी गहन तलाशी लिए जाने की घटना के बाद भड़का है। अमेरिकी पुलिस ने देवयानी पर वीजा नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया है। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, December 17, 2013, 21:48

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