अनिवार्य मतदान पर मोदी के समर्थन में आडवाणी

अनिवार्य मतदान पर मोदी के समर्थन में आडवाणी

अनिवार्य मतदान पर मोदी के समर्थन में आडवाणीज़ी मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली : नरेंद्र मोदी को लेकर लगता है भाजपा में एक राय बन गई है। विरोध की कोई वजह भी नहीं रह गई क्यों कि जब विरोध का झंडा उठाए घूम रहे लालकृष्ण आडवाणी ही जब हथियार डाल दिए हों तो किसी और की क्या बिसात। ताजा मामला अनिवार्य मतदान को लेकर सामने आया जब आडवाणी ने अपने ब्लॉक में नरेंद्र मोदी की बात का समर्थन किया है।

अनिवार्य मतदान के मुद्दे पर भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और नरेन्द्र मोदी साथ साथ नजर आए और गुजरात के मुख्यमंत्री को पार्टी के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाये जाने पर कड़वाहट के बाद आडवाणी ने कहा कि ‘इनमें से कोई नहीं’ विकल्प के साथ मतदान को अनिवार्य बनाया जाना चाहिए।

आडवाणी ने अपने ताजा ब्लाग में उच्चतम न्यायालय के उस सुझाव का स्वागत किया कि लोगों को नकारात्मक मतदान का अधिकार होना चाहिए। उन्होंने हालांकि इसके साथ कहा कि मतदान के प्रावधान को अनिवार्य बनाया जाना चाहिए। आडवाणी ने कहा, ‘आज जो स्थिति है, वह मतदाता जो संविधान प्रदत्त अपना मत देने के बहुमूल्य अधिकार का बिना किसी वैध कारण के उपयोग नहीं करता है, अनचाहे ही सभी उम्मीदवारों के खिलाफ नकारात्मक वोट देता है। इसलिए मेरा मानना है कि नकारात्मक वोट अर्थपूर्ण होगा अगर इसके साथ ही मतदान को अनिवार्य बना दिया जाए।’

भाजपा के चुनाव अभियान समिति और बाद में पार्टी के प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी बनाये जाने पर मोदी का विरोध करने वाले आडवाणी ने अनिवार्य मतदान पर सबसे पहले पहल करने का श्रेय गुजरात के मुख्यमंत्री को दिया। उन्होंने कहा, ‘भारत के एकमात्र राज्य जिसने इस दिशा (अनिवार्य मतदान) में पहल की है, वह गुजरात है।’ आडवाणी ने कहा, ‘नरेन्द्र मोदी के तहत विधानसभा ने दो बार अनिवार्य मतदान के पक्ष में वोट दिया लेकिन विधेयक को न तो राज्यपाल और न ही नयी दिल्ली की मंजूरी मिली।’

उन्होंने कहा कि दुनिया के 31 देशों में अनिवार्य मतदान का प्रावधान है लेकिन वास्तव में महज एक दर्जन देशों ने ही प्रतिरोधक प्रावधाव के साथ इसे लागू किया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता महसूस करते हैं कि उच्चतम न्यायालय के फैसले की प्रति और 31 देशों में इससे जुड़े कानून एवं नियमों की रिपोर्ट उपलब्ध कराते हुए चुनाव आयोग को इस पूरे मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए।

उच्चतम न्यायालय के इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन में एक और बटन ‘इनमें से कोई नहीं’ जोड़ने की सलाह का जिक्र करते हुए आडवाणी ने कहा कि इसका आमतौर पर स्वागत किया गया है। चुनाव आयोग ने भी पांच राज्यों में आसन्न चुनाव में इस प्रावधान पर अमल की बात कही है। आडवाणी ने पूर्व मुख्य चुनाव आयोग एस वाई कुरैशी के समाचारपत्र में छपे लेख की भी प्रशंसा की जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत में नकारात्मक मतदान का विकल्प होना चाहिए। (एजेंसी)

First Published: Sunday, October 6, 2013, 14:09

comments powered by Disqus