Last Updated: Sunday, February 16, 2014, 15:14
नई दिल्ली : संसद के डिजिटलीकरण कार्यक्रम के सलाहकार रहे राज्यसभा के पूर्व सदस्य एस.एस. अहलुवालिया ने कहा कि संसद में कामकाज कागजरहित बनाने की जरूरत है। हालांकि सभी लोगों को डिजिटल माध्यम की जानकारी नहीं होने से इसमें बाधा आ रही है।
अहलुवालिया ने कहा कि संसद में डिजिटलीकरण कार्यक्रम पर समिति ने कुछ समय पहले अपनी रिपोर्ट पेश कर दी थी। यह संसद में कामकाज को कागजरहित बनाने से जुड़ी पहल का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि इसमें यह भी सुझाव दिया गया कि संसद के पुस्तकालय को किस तरह डिजिटल रूप में पेश किया जा सकता है और इसकी माइक्रो फिल्मिंग की जा सकती है। गौरतलब है कि अहलुवालिया ने संसद में पहचान पत्र पेश करने के कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी।
यह पूछे जाने पर कि कुछ समय पहले संसद में प्रश्नों को आनलाइन रूप में पेश करने और काजग पर प्रश्नों की प्रथा को समाप्त करने की कोशिश असफल रही और इसे वापस लाना पड़ा, अहलुवालिया ने कहा कि चूंकी सभी लोगों को डिजिटल माध्यम की पूरी जानकारी नहीं है और उन्हें ऐसे उपकरण का उपयोग करना नहीं आता, इसलिए यह समस्या आ रही है। उन्होंने कहा कि सदन के भीतर ‘वाईफाई’ सुविधा नहीं है, ऐसे में पहले से पीडीएफ फाइल के रूप में विषयों को तैयार करना होगा। इसमें भी कई लोगों को परेशानी होती है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, February 16, 2014, 15:14