नौसेना के एक और युद्धपोत पर दुर्घटना: INS कोलकाता में धमाके से नेवी कमांडर की मौत

नौसेना के एक और युद्धपोत पर दुर्घटना: INS कोलकाता में धमाके से नेवी कमांडर की मौत

नौसेना के एक और युद्धपोत पर दुर्घटना: INS कोलकाता में धमाके से नेवी कमांडर की मौतज़ी मीडिया ब्यूरो

मुंबई: भारतीय नौसेना के एक और पोत पर शुक्रवार को दुर्घटना का मामला सामने आया जब मझगांव डाक लिमिटेड (एमडीएल) के एक पोत पर गैस के रिसाव के कारण कमांडर रैंक के एक अधिकारी की मौत हो गई जबकि कुछ अन्य प्रभावितों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।

सू़त्रों ने बताया कि एमडीएल द्वारा निर्मित विध्वंसक पोत आईएनएस कोलकाता यार्ड 701 की कार्बन डाई आक्साइड इकाई में उस समय गड़बडी पैदा हो गई जब उसकी मशीनों का परीक्षण चल रहा था जिसके कारण गैस का रिसाव हो गया। इस घटना में नौसेना के एक कमांडर की मौत हो गई जबकि कुछ अन्य बीमार पड़ गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। जारी यह दुर्घटना ऐसे समय में सामने आई है जब करीब एक सप्ताह पहले ही मुंबई तट पर आईएनएस सिंधुरत्न पर आग लगने और धुआं फैलने की दुर्घटना घटी थी जिसमें दो अधिकारियों की मौत हो गई थी और सात नाविक बीमार पड़ गए थे।

पिछले सात महीने में नौसेना परिसम्पत्ति से जुड़ी दुर्घटना का यह 11वां मामला है जिसमें कार्बन डाई आक्साइड गैस शरीर में चले जाने से कमांडर कुंतल वाधवा (42 वर्ष) की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि एमडीएल द्वारा निर्मित विध्वंसक पोत आईएनएस कोलकाता यार्ड 701 की कार्बन डाई आक्साइड इकाई में उस समय गड़बडी पैदा हो गई जब उसकी मशीनों का परीक्षण चल रहा था जिसके कारण गैस का रिसाव हो गया।

उन्होंने बताया कि रक्षा मंत्रालय के गोदी के दो कर्मचारियों को गैस रिसाव के बाद बीमार पड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया। एमडीएल के अधिकारियों ने बताया कि बीमार कर्मचारियों को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। कोलकाता क्लास के यार्ड 701 युद्धपोत को 27 मार्च को सेवा में शामिल किया जाना है। अधिकारियों ने कहा कि इसमें कोई देरी नहीं होगी। नौसेना और शिपयार्ड ने अलग अलग जांच बोर्ड गठित किये हैं।

आज के दुर्घटना से नौ दिन पहले ही पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरत्न में आग लगने की घटना में दो अधिकारियों की मौत हो गई थी और रक्षा मंत्री एके एंटनी से इस्तीफे की मांग हुई थी। नौसेना प्रमुख ने इस घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

दिल्ली में सूत्रों ने कहा कि प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि युद्धपोत के आग पर काबू पाले वाले उपकरण के वाल्व और परमाणु, रसायनिक एवं जैविक युद्धक क्षमता में विस्फोट हो गया जब विशेषज्ञ दल इसकी जांच कर रहा था। उन्होंने कहा कि कमांडर (इंजीनियर) वाधवा ने बड़ी मात्रा में गैस ग्रहण कर लिया क्योंकि वह मास्क नहीं पहने हुए थे। नौसेना और शिपयार्ड इसकी अलग अलग जांच कर रहा है।

अतिरिक्त सीपी कृष्ण प्रकाश ने मुम्बई में कहा कि नौसेना अधिकारी कुंतल बाधवा को दोपहर एक बजकर 17 मिनट पर सेंट जार्ज अस्पताल लाये जाने पर मृत घोषित कर दिया गया। वह कोलाबा के रहने वाले थे और उनके रिश्तेदार ठाणे से आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि युद्धपोत को अभी सेवा में शामिल किया जाना था। मझगांव डाक्स लिमिटेड के प्रवक्ता ने कहा कि मझगांव डाक्स लिमिटेड द्वारा बनाया जा रहा यार्ड 701 की मुम्बई पोर्ट ट्रस्ट पर मशीनों की परीक्षण जांच चल रही थी और उसके कार्बन डाई आक्साइड इकाई में गड़गड़ी पैदा हो गई जिससे रिसाव हो गया। प्रकाश ने कहा कि करीब 12 बजकर 45 मिनट पर आग पर काबू पाने के जुड़े परीक्षण के दौरान दुर्घटनावश कार्बन डाई आक्साइड की बोतल का मुंह खुल गया। पुलिस अधिकारी ने कहा कि एमडीएल में काम करने वाले असलम गाफर काजी को मझगांव के प्रिंस अली अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया। मझगांव डाक्स लिमिटेड के प्रवक्ता ने कहा कि यह विध्वंसक इस श्रेणी के तीन जहाजों में शामिल है जिनका निर्माण दक्षिण मुम्बई के शिपयार्ड पर किया जा रहा है। प्रकाश ने कहा कि 6500 टन का युद्धपोत का परीक्षण चल रहा था और इसे 27 मार्च को सेवा में शामिल किया जाना था।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस घटना में बीमार काजी बयान देने की स्थिति में है और अब वे बयान दर्ज करा रहे हैं। डाकयार्ड के प्रवक्ता ने कहा कि जहाज के भीतर की एक प्रणाली को इस दुर्घटना में नुकसान पहुंचा है और इसका मूल्यांकन किया जा रहा है। इस दुर्घटना में कोई विस्फोट नहीं हुआ लेकिन जब कुछ मशीनों का परीक्षण किया जा रहा था तब यह दुर्घटना घटी।

सबसे बड़ी दुर्घटना तब घटी थी जब 14 अगस्त को आईएनएस सिंधुरक्षक मुम्बई बंदरगाह पर डूब गया था और इस पर सवार सभी कर्मियों की मौत हो गई थी। इस महीने के प्रारंभ में आईएनएस एरावत से जुड़ी घटना के बाद कमांडिंग आफिसर को कमान संबंधी कार्यों से मुक्त कर दिया गया था। आईएनएस बेतवा भी जल के भीतर किसी चीज से टकराने के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था। आईएनएस कोंकण में मरम्मत कार्य के दौरान आग लग गई थी जिससे इसे नुकसान पहुंचा था। 26 फरवरी को सिंधुरत्न की दुर्घटना के बाद नौसेना प्रमुख एडमिरल डीके जोशी ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया था। (एजेंसी इनपुट के साथ)

First Published: Friday, March 7, 2014, 16:04

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