Last Updated: Sunday, May 4, 2014, 23:01

नई दिल्ली : भाजपा ने दशकों से नेहरू-गांधी परिवार का चुनावी क्षेत्र रहे अमेठी के बारे में रविवार को दावा किया कि सैलाब की तरह बढ़ रही मोदी लहर वहां पंहुच गई है और देश को इस बार राहुल गांधी की हार के रूप में आश्चर्यजनक परिणाम के लिए तैयार रहना चाहिए।
पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने यहां कहा, ‘‘अमेठी के वर्तमान सांसद की वहां की जनता के साथ रिश्ते नाममात्र के हैं। दशकों से परिवार का मजबूत गढ़ बने रहने के बावजूद, अमेठी की उत्तर प्रदेश के सबसे पिछड़े चुनाव क्षेत्रों में गिनती होती है। ..ऐसे में राहुल इस बार जबर्दस्त सत्ता विरोधी भावना का सामना कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि स्मृति के रूप में भाजपा द्वारा मजबूत प्रत्याशी दिए जाने और मोदी की सोमवार को वहां होने वाली रैली को देखते हुए अमेठी को इस बार आश्चर्यजनक परिणाम के लिए तैयार रहना चाहिए।
जेटली ने कहा, अब भाजपा को अमेठी के मतदाताओं को बस यह समझाना है कि आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी कुमार विश्वास के पक्ष में मतदान करने से सत्ता विरोधी वोट ही बटेंगे। पार्टी के प्रवक्ता एम जे अकबर ने व्यंग्य करते हुए कहा, ‘‘इन दिनों कांग्रेस के नेताओं को अपने भाषणों में अचानक गरीबी की याद आने लगी है। जो परिवार अमेठी के गरीबों से वफा नहीं कर पाया वह देश के गरीबों से क्या वफा करेगा।’’
अकबर ने कहा कि अमेठी के लोगों ने दशकों से नेहरू-गांधी परिवार से अपनी तकदीर जोड़ी है लेकिन बदले में उसे मिला यह कि वह उत्तर प्रदेश के 10 सबसे गरीब जिले में शुमार होता है। उसके 1350 गांवों को इज्जत से बिजली नहीं मिलती। पिछले 5-6 महीनों से किरासिन भी गायब है। अकबर ने दावा किया, ‘‘अमेठी के लोगों में नेहरू-गांधी परिवार के प्रति बहुत अधिक क्रोध, बहुत अधिक गुस्सा है। उनके दिल टूट गए हैं। इसलिए सैलाब की तरह बढ़ रही ‘मोदी वेव’ अब अमेठी भी पंहुच चुकी है।’’
उन्होंने कहा कि इतने दशकों से एक परिवार के साए में रहे अमेठी के 76 प्रतिशत लोगों को साल में सिर्फ 15 दिन मनरेगा के तहत काम मिल पाता है। वहां औरतों के लिए कोई डिग्री कालेज नहीं हैं। बुजुर्ग औरतों को 4 साल से पेंशन नहीं मिल रही है।
उल्लेखनीय है कि दो बार से लोकसभा में अमेठी का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी इस बार भी वहां से उम्मीदवार हैं। त्रिकोणीय मुकाबले में इस बार उनके विरूद्ध आप के कुमार विश्वास और भाजपा की स्मृति ईरानी मैदान में हैं। लगातार तीसरी बार इस सीट से जीत की आस लगाए बैठे राहुल को भाजपा की स्मृति ईरानी और आप के कुमार विश्वास से त्रिकोणीय मुकाबला करना पड़ रहा है। इससे पहले के दो चुनावों में उन्हें खास चुनौती का सामना नहीं करना पड़ा था। (एजेंसी)
First Published: Sunday, May 4, 2014, 20:16