नेतृत्व के संकट का नतीजा है आंध्र का संकट: राजनाथ

नेतृत्व के संकट का नतीजा है आंध्र का संकट: राजनाथ

नई दिल्ली : भाजपा ने कहा कि कांग्रेस के भीतर नेतृत्व के संकट और उसके तेलंगाना मसले से निपटने के तरीके के कारण आंध्र प्रदेश में अंतर-क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्विता पैदा हो गई है। पार्टी ने मांग की कि केंद्र सभी संबंधित पक्षों को राज्य के बंटवारे पर चर्चा के लिए बुलाए।

भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने पृथक तेलंगाना राज्य के समर्थन के पार्टी के रख को दोहराते हुए कहा कि आंध्र प्रदेश में संकट कांग्रेस के भीतरी संकट का नतीजा है।’

राजनाथ सिंह ने एक बयान में अंतर-क्षेत्रीय समानता की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि आंध्र प्रदेश में कांग्रेस नीत सरकार ने अंतर-क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्विता पैदा कर दी है। इसे समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार और आंध्र प्रदेश सरकार दोनों ने कोई कदम नहीं उठाया है। उन्होंने कहा कि एक राज्य के बंटवारे के मामले से निपटने के लिए काफी राजनीतिक कार्य और बहुत सूझ बूझ की जरूरत होती है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है बल्कि उसने हालात और बिगाड़ दिए हैं। वह नेतृत्व के संकट से जूझ रही है। सिंह ने कहा कि राज्य में सामान्य स्थिति बहाल की जानी चाहिए और केंद्र को सभी पक्षों को बुलाना चाहिए, उन्हें विश्वास में लेना चाहिए और चिंता के सभी विषयों पर चर्चा करनी चाहिए। उन्होंेने आंध्र देश सरकार से भी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा।

उन्होंने कहा कि हम मांग करते हैं कि आंध्र प्रदेश सरकार लोगों और उनकी संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करे। तटीय जिलों में चक्रवात की चेतावनी दी गई है। आने वाली प्रकृतिक आपदा की इस घड़ी में पूरे सरकारी तंत्र को लोगों, संपत्ति और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। भाजपा ने तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू और वाईएसआर कांग्रेस नेता वाई एस जगनमोहन रेड्डी से नये राज्य के गठन के खिलाफ अपना अनशन समाप्त करने की अपील की। (एजेंसी)

First Published: Friday, October 11, 2013, 16:42

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