Last Updated: Sunday, December 15, 2013, 11:02
ज़ी मीडिया ब्यूरो नई दिल्ली/रालेगणसिद्धि : सरकारी लोकपाल को लेकर वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे और आम आदमी पार्टी (आप) पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल आमने-सामने आ गए हैं। अन्ना हजारे ने राज्यसभा में पेश मौजूदा लोकपाल बिल के स्वरूप पर जहां खुशी जताई है, वहीं, केजरीवाल ने कहा कि लोकपाल के मुद्दे पर अन्ना हजारे को भ्रमित किया जा रहा है क्योंकि जो बिल सरकार पारित कराने जा रही है वह उनकी मांगों को पूरा नहीं करता और यह `जोकपाल` बनेगा।
अपने गांव रालेगण सिद्धी में अनशन पर बैठे अन्ना ने कहा कि लोकपाल के दायरे में सीबीआई और सीवीसी को भी रखा गया है। सीबीआई लोकपाल के पूरे नियंत्रण में रहेगी।
अन्ना ने संवाददाताओं से कहा, बिल जैसे ही राज्यसभा में पारित होगा, लोकसभा इसका अनुमोदन करेगी और राष्ट्रपति कानून बनाने के लिए इसपर दस्तख्त करेंगे, मैं अपना अनशन समाप्त कर दूंगा। अन्ना ने कहा कि बिल से उनकी बहुत सी मांगें पूरी हो रही है और उन्होंने राज्यसभा में शुक्रवार को पेश किए गए बिल की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा, मैंने मसौदा बिल में जो कुछ देखा है, मैं उससे संतुष्ट हूं और उसका स्वागत करता हूं। अन्ना ने कहा कि वह कुछ मुद्दे विधेयक में जोड़ना चाहते थे, जो छूट गए हैं, लेकिन इससे वह निराश नहीं हैं। उन्होंने कहा, अगर मैं अपनी राय संसद पर थोपने का प्रयास करूंगा, तो यह गलत होगा। संसद का अपना महत्व है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता अगर 2-3 चीजें छूट गई हैं। अन्ना ने कहा कि प्रधानमंत्री, सीबीआई और सीवीसी को लोकपाल के दायरे में लाना अच्छा कदम होता। हम लंबे समय से सीबीआई को सरकार के नियंत्रण से मुक्त करने पर जोर दे रहे हैं।
वहीं, ट्विटर पर केजरीवाल ने आश्चर्य जताया कि अन्ना ने किस तरीके से लोकपाल विधेयक को स्वीकार कर लिया जिसे शुक्रवार को राज्यसभा में पेश किया गया। उन्होंने तर्क दिया कि बिल में जनलोकपाल विधेयक के तीन सबसे महत्वपूर्ण प्रावधानों में से कोई नहीं है।
केजरीवाल ने ट्वीट किया, मैं वास्तव में आश्चर्यचकित हूं। अन्ना सरकारी लोकपाल बिल को कैसे स्वीकार कर सकते हैं? सरकारी लोकपाल `जोकपाल` है। अन्ना को कौन भ्रमित कर रहा है?
First Published: Sunday, December 15, 2013, 11:02