Last Updated: Thursday, December 12, 2013, 23:35

रालेगणसिद्धि (महाराष्ट्र) : अन्ना हजारे ने अनशन खत्म करने की केंद्र की अपील को गुरुवार को खारिज कर दिया और कहा कि लोकपाल विधेयक पर केंद्र का रुख ‘लोकतंत्र के साथ छलावा’ है। वह पिछले तीन दिनों से संसद में लोकपाल विधेयक को जल्द पारित करने की मांग को लेकर अनशन पर हैं।
सरकार लोकपाल विधेयक को जल्द राज्यसभा में पेश करने को तैयार है वही 76 वर्षीय हजारे ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखा और कहा कि जब तक विधेयक पारित नहीं किया जाता है तब तक वह अनशन खत्म नहीं करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री नारायणसामी को लिखे पत्र में हजारे ने कहा कि विधेयक पर सरकार का रूख काफी गैर जिम्मेदाराना है और यह लोकतंत्र से धोखाधड़ी है।
उन्होंने कहा कि जब तक विधेयक पास नहीं होता, मैं अनशन खत्म नहीं करूंगा। मैं देश के लिए कुर्बानी देने को तैयार हूं। भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता का पत्र उस दिन आया है जब केंद्रीय मंत्री हरीश रावत ने कहा कि सरकार लोकपाल विधेयक पर विचार के लिए इसे सोमवार को राज्यसभा में लाएगी। संसदीय मामलों के मंत्री कमलनाथ ने कहा कि सरकार कल लोकपाल विधेयक को राज्यसभा की कार्यसूची में शामिल करेगी क्योंकि यह इसकी ‘प्राथमिकता’ है। हजारे ने पत्र में कहा कि संसद का शीत सत्र शुरू हो गया है और विधेयक एजेंडा में नहीं है। इसका स्पष्ट मतलब है कि सरकार मुझे और देश के लोगों के साथ छल कर रही है।
अन्ना हजारे ने कहा कि इस छल के कारण हाल में हुए विधानसभा चुनावों में लोगों ने आपको सबक सिखाया। साथ ही चेतावनी दी कि अगर विधेयक वर्तमान सत्र में नहीं आता है तो आगामी लोकसभा चुनावों में लोग कांग्रेस और संप्रग सरकार को सबक सिखाएंगे। नारायणसामी की अपील के तुरंत बाद हजारे का पत्र आया। नारायणसामी ने सामाजिक कार्यकर्ता से अनशन खत्म करने की अपील की थी। (एजेंसी)
First Published: Thursday, December 12, 2013, 23:35