Last Updated: Sunday, May 11, 2014, 22:19
नई दिल्ली : रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने ब्रिटिश कंपनी रोल्स रॉयस के साथ व्यापार जारी रखने के अपने ही मंत्रालय के एक प्रस्ताव को नकार दिया है जो कथित तौर पर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को इंजन की आपूर्ति का ठेका प्राप्त करने के लिए रिश्वत का भुगतान करने और बिचौलियों का सहारा लेने को लेकर सीबीआई जांच का सामना कर रही है।
इस वर्ष के शुरू में यह घोटाला सामने आने के बाद रक्षा मंत्रालय ने रोल्स रॉयस के खिलाफ लगे आरोपों की सीबीआई जांच पूरी होने तक उसके साथ अपने सभी सौदों पर रोक लगा दी थी।
सरकारी सूत्रों ने यहां बताया कि समझा जाता है कि रोल्स रॉयस मामले को देख रहे रक्षा मंत्रालय की इकाई ने सिफारिश की थी कि सरकार को कंपनी के साथ व्यापार जारी रखना चाहिए लेकिन एंटनी ने आगे बढ़ने से इनकार कर दिया। एंटनी ने संबंधित अधिकारियों से कहा कि वे इस मामले में आगे बढ़ने से पहले कानून मंत्रालय एवं सालिसिटर जनरल से सलाह लें।
एंटनी ने इससे पहले मंत्रालय से कहा था कि वह रोल्स रॉयस के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई के बारे में कानून मंत्रालय से सलाह ले। ब्रिटिश कंपनी ने रक्षा मंत्रालय को पहले ही बताया दिया था कि वह 18 करोड़ रूपये लौटा देगा जो उसने अपने एजेंटों को कमीशन के तौर पर भुगतान किया है लेकिन अभी सरकार ने इस संबंध में कोई निर्णय नहीं किया है।
रोल्स रॉयस ने गत दिसम्बर में एचएएल को लिखे पत्र में स्वीकार किया कि उसने सिंगापुर के एक व्यक्ति अशोक पटनी और उसकी कंपनी आशमोर प्राइवेट लिमिटेड को भारत में ‘वाणिज्यिक सलाकार’ के तौर पर रखा था ताकि वह बिक्री और साजो सामान सहयोग, स्थानीय व्यापारिक सहयोग और ‘रणनीतिक सलाह’ दे।
कंपनी की ओर से दिया गया कमीशन भारत में खरीद नियमों का उल्लंघन है। नियम के तहत रक्षा मंत्रालय के साथ सौदों में बिचौलिये या कमीशन एजेंट प्रतिबंधित हैं। (एजेंसी)
First Published: Sunday, May 11, 2014, 22:19