मोदी का किसानों से कर्ज मामले में राहत का वायदा

मोदी का किसानों से कर्ज मामले में राहत का वायदा

मोदी का किसानों से कर्ज मामले में राहत का वायदावर्धा (महाराष्ट्र) : संप्रग सरकार पर किसानों के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए बीजेपी नेता नरेंद्र मोदी ने किसान की चिंताओं के बारे में अपना दृष्टिकोण रखा और उन्हें सूदखोरों के चंगुल से मुक्त करने, कृषि निर्यात को युक्तिसंगत बनाने तथा नदियों को परस्पर जोड़ कर सिंचाई की सुविधा में विस्तार करने की बातें कहीं।

महाराष्ट्र के कपास उत्पादक इस क्षेत्र में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते प्रधानमंत्री पद के लिए भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार मोदी ने भारी रिण बोझ तथा सरकार एवं बैंकों की ओर से किसी समर्थन के अभाव में किसानों के आत्महत्या करने की घटनाओं का मुद्दा उठया। केंद्र की मौजूदा सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस नीति संप्रग सरकार के 10 वर्षों के शासनकाल के दौरान सीमा पर जितने सैनिक नहीं मरे होंगे उससे कहीं ज्यादा किसान आत्महत्या कर चुके हैं।

गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा कि जब किसान आत्महत्या कर रहे होते हैं, तो दिल्ली में सरकार खामोशी से सो रही होती है। मोदी ने किसानों की आत्महत्या के कारणों के बारे में बात करते हुए कहा कि कई अगल अलग कारणों से किसानों को ऋण लेने पड़ते हैं और वे ऋण के जाल में फंस जाते हैं। उन्होंने संकल्प लिया कि लोकसभा चुनावों के बाद अगर उनकी सरकार सत्ता में आती है तो, किसानों को भारी ब्याज पर रिण लेने के लिए साहूकारों के पास नहीं जाना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार की पहली गारंटी होगी कि किसानों को मरने नहीं दिया जाएगा।

कपास किसानों के मुद्दों को उठाते हुए उन्होंने किसानों को होने वाले घाटे के लिए केन्द्र पर आरोप लगाया कि वे कपास के निर्यात को प्रतिबंधित करके उन्हें नुकसान में डाल रही है जबकि दूसरी ओर मांस के निर्यात को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने प्रश्न उठाया कि कपास निर्यात को क्यों प्रतिबंधित किया गया। सरकार पर ताना कसते हुए मोदी ने कहा कि हर संकट के बाद पैकेज की घोषणा करना एक फैशन बन गया है और सलाह दी कि ऐसे पैकेज बांटने वालों को निपटाने का समय आ गया है जो पैकेज आप (किसानों) तक नहीं पहुंचता। (एजेंसी)


First Published: Thursday, March 20, 2014, 20:07

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