भाजपा ने वीरभद्र सिंह पर लगाया रिश्वतखोरी का आरोप

भाजपा ने वीरभद्र सिंह पर लगाया रिश्वतखोरी का आरोप

भाजपा ने वीरभद्र सिंह पर लगाया रिश्वतखोरी का आरोप  नई दिल्ली : भाजपा ने सोमवार को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर एक निजी बिजली कंपनी से रिश्वत लेने का आरोप लगाया। पार्टी ने साथ ही इसे सोनिया गांधी और राहुल के लिए ‘परीक्षा’ बताया कि आदर्श सोसाइटी घोटाले में गुस्सा जाहिर करने के बाद वे इस मामले में कैसे प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं।

भ्रष्टाचार के ‘सबसे पुख्ता सबूतों वाले मामले’ में सीबीआई जांच की मांग करते हुए भाजपा नेता अरुण जेटली ने जानना चाहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी वीरभद्र सिंह के खिलाफ क्या कार्रवाई करेंगे।

जेटली ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। सिंह पर भाजपा ने एक परियोजना के लिए एक निजी बिजली कंपनी को विस्तार देने के एवज में ‘रिश्वत’ लेने का आरोप लगाया है।

सिंह ने अपने खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को ‘गलत और बेहद मानहानिकारक’ बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जो भी जांच का आदेश दें वह उसका सामना करने को तैयार हैं।

कांग्रेस ने आरोपों को खारिज करते हुए भाजपा को चुनौती दी कि अगर उसके पास सबूत हैं तो वह अदालतों में या उचित जांच एजेंसी के पास जाए। दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में जेटली ने यह भी आरोप लगाया कि उसी प्रमोटर की एक अन्य कंपनी में सिंह की पत्नी और बच्चों को शेयरधारक बनाया गया, जो बिजली कंपनी का मालिक है। ऐसा राज्य सरकार द्वारा पहुंचाए गए फायदे के बदले में किया गया।

जेटली ने कहा, ‘‘यह कांग्रेस के लिए भी परीक्षा है। यह सोनिया गांधी और राहुल गांधी के लिए भी परीक्षा है। क्या वे इन तथ्यों को देखकर अब भी गुस्सा महसूस करते हैं। यह दर्शाएगा कि आदर्श मामले में भ्रष्टाचार पर उनका हालिया गुस्सा बनावटी था या यह वास्तविक प्रतिक्रिया थी या यह बनावटी गुस्सा था।’’

प्रधानमंत्री को लिखे गए अपने पांच पन्नों के पत्र में राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि ये ऐसे मामले हैं जिसमें आयकर विभाग और सीबीआई दोनों द्वारा तत्काल जांच किए जाने की आवश्यकता है।

जेटली ने कहा, ‘‘अब तक मैंने जितने भी मामले देखे हैं उसमें मुझे यह कहने में तनिक भी हिचकिचाहट नहीं है कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ यह एक बेहद स्पष्ट मामला है। कैसे ऐसा व्यक्ति भारत के किसी राज्य का मुख्यमंत्री बना रह सकता है।’’

दिल्ली में कांग्रेस प्रवक्ता संदीप दीक्षित ने संवाददाताओं से कहा कि सिर्फ आरोप लगाने का कोई मतलब नहीं है। अगर उनके पास (जेटली के पास) सबूत हैं तो उन्हें अदालत में या जांच एजेंसी के पास ले जाना चाहिए ।

दीक्षित ने कहा ‘‘उनके आरोपों का बहुत मतलब नहीं है। इस तरह की चीजें पहले भी आयी हैं। पहले जब वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री नहीं थे और हिमाचल प्रदेश में भाजपा की सरकार थी उस वक्त भी उनके खिलाफ अनेक आरोप लगाये गये थे लेकिन जांच हुई तो अंत में इनमें कुछ नहीं निकला।’’ (एजेंसी)

First Published: Monday, December 30, 2013, 23:32

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